प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार): केवल व्हाट्सएप मेसेज 94064 20131
शनि के मीन राशि में होने के कारण इस समय सिंह व धनु राशि पर शनि ढैय्या चल रही है।
शनि ढैय्या की अवधि ढाई वर्ष की होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि जब जन्म कुंडली के चौथे या आठवें भाव में गोचर करते हैं, तो इसे शनि ढैय्या कहा जाता है।
शनि ढैय्या से पीड़ित राशियों को मानसिक तनाव, आर्थिक परेशानी व सेहत संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि ढैय्या के दौरान कुछ उपायों को करने से शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। जानें शनि ढैय्या के दौरान शनिदेव को कैसे प्रसन्न करें।
शनि ढैय्या के उपाय-
1. शनि ढैय्या के दौरान शनि की पीड़ा से बचने के लिए शनिवार के दिन सरसों के तेल में अपना चेहरा देखकर उसे शनि का दान लेने वाले व्यक्ति को दान करना चाहिए। अगर कोई दान करने वाला व्यक्ति न मिले तो इसे पीपल के पेड़ के नीचे रखना चाहिए।
2. शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन सरसों के तेल से शनिदेव का अभिषेक करने से विशेष लाभ होता है।
3. शनि ढैय्या से पीड़ित राशि वालों को शनिवार के दिन शनि मंदिर जाकर शनि दर्शन करना चाहिए और शनि मंत्रों का 108 बार जाप करना चाहिए।
4. शनि ढैय्या के दौरान शनि पीड़ा से बचने के लिए काली गाय की सेवा करनी चाहिए।
5. शनिवार के दिन भगवान शंकर व हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
6. शनि दोष या शनि पीड़ा कम करने के लिए शनिवार के दिन लोहे से बनी चीजें, काली उड़द, काला वस्त्र, चमड़े के जूते, सरसों का तेल व काले तिल का दान करना लाभकारी माना गया है।