योगिनी एकादशी पर भद्रा का प्रभाव: जानें व्रत के लाभ, पूजन विधि और व्रत पारण का समय…

प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार): केवल व्हाट्सएप मेसेज 94064 20131

आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाता है।

इस साल योगिनी एकादशी 21 जून, शनिवार को है। पंचांग के आधार पर योगिनी एकादशी पर भद्रा का साया का रहने वाला है।

एकादशी व्रत भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन जगत के पालन हार भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

जानें योगिनी एकादशी पर भद्रा का समय, व्रत का फल, पूजन व व्रत का पारण समय।

योगिनी एकादशी पर भद्रा का साया: हिंदू पंचांग के अनुसार, योगिनी एकादशी पर भद्रा सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 07 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। हिंदू धर्म में भद्रा काल को पूजा-पाठ के अशुभ माना गया है।

योगिनी एकादशी पूजन मुहूर्त- योगिनी एकादशी पर पूजन का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:04 से सुबह 04:44 बजे तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त सुबह 11:55 से दोपहर 12:51 बजे तक रहेगा। अमृत काल दोपहर 01:12 बजे से दोपहर 02:41 बजे तक रहेगा।

योगिनी एकादशी व्रत पारण का समय- योगिनी एकादशी व्रत का पारण 22 जून 2025 को किया जाएगा। व्रत पारण का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 47 मिनट से शाम 04 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।

योगिनी एकादशी व्रत का फल- हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, योगिनी एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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