प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार): केवल व्हाट्सएप मेसेज 94064 20131
एकादशी के दिन भगवान विष्णु और धन की मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है।
साथ ही मंदिर या गरीब लोगों में अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन विधिपूर्वक व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है।
व्रत का पारण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मोक्षदा एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में।
मोक्षदा एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 नवंबर को रात 09 बजकर 29 मिनट पर शुरू हो रही है और अगले दिन यानी 01 दिसंबर को रात 07 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में 01 दिसंबर (Kab hai Mokshada Ekadashi 2025) को मोक्षदा एकादशी व्रत किया जाएगा।
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 11 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 23 मिनट से 05 बजकर 50 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक
मोक्षदा एकादशी 2025 व्रत पारण समय
इस व्रत का पारण 02 दिसंबर को किया जाएगा। इस दिन व्रत का पारण करने का समय सुबह 06 बजकर 51 मिनट से 09 बजकर 04 मिनट तक है। इसके बाद मंदिर या गरीब लोगों में अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करना चाहिए।
मोक्षदा एकादशी व्रत के नियम
- एकादशी के दिन तामसिक भोजन और चावल का सेवन न करें।
- घर में साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
- किसी से वाद-विवाद न करें।
- किसी के बारे में गलत न सोचें।
- अगले दिन व्रत का पारण करें।
विष्णु मंत्र
1. ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे अमृता कलसा हस्थाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||
2. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
3. ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥