प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार): केवल व्हाट्सएप मेसेज 94064 20131
नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि को कन्या पूजन का विशेष महत्व है।
हिंदू धर्म में कन्या को मां दुर्गा का स्वरूप माना गया है। कन्या पूजन को कुमारी पूजा व कंजक पूजा भी कहा जाता है। इस समय चैत्र नवरात्रि चल रहे हैं।
इस साल चैत्र नवरात्रि की अष्टमी 5 अप्रैल 2025, शनिवार और राम नवमी 6 अप्रैल 2025, रविवार को है। जानें कन्या पूजन में कन्या कितनी होनी चाहिए, कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त व खास बातें-
महाष्टमी पर कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त-
अभिजित मुहूर्त- 11:59 ए एम से 12:49 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:20 पी एम
राम नवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त- राम नवमी पर पूरे दिन रवि पुष्य योग, रवि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। ऐसे में कन्या पूजन के लिए पूरा दिन शुभ रहने वाला है। जानें कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त-
अभिजित मुहूर्त: 11:58 ए एम से 12:49 पी एम
चर – सामान्य: 07:40 ए एम से 09:15 ए एम
लाभ – उन्नति:09:15 ए एम से 10:49 ए एम
अमृत – सर्वोत्तम: 10:49 ए एम से 12:24 पी एम
कन्या पूजन में कितनी कन्या होनी चाहिए: नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा को समर्पित है। ऐसे में आप नौ दिनों में कन्या पूजन किया जा सकता है।
लेकिन नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि को कन्या पूजन का अत्यधिक महत्व है। कन्या पूजन में कन्याओं की संख्या 1-9 तक शामिल कर सकते हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जितनी कन्या होती हैं, वैसा ही फल प्राप्त होता है।
संख्या के अनुसार कन्या पूजन का फल– 1 कन्या की पूजा करने से ऐश्वर्य, 2 कन्याओं की पूजा से भोग, 3 कन्याओं की पूजा से पुरुषार्थ, 4 व 6 कन्याओं की पूजा से बुद्धि व विद्या, 6 कन्याओं की पूजा से सफलता, 7 कन्याओं के पूजन से परमपद, 8 कन्याओं के पूजन से अष्टलक्ष्मी व 9 कन्याओं के पूजन से सभी ऐश्वर्य के प्राप्त होने की मान्यता है।
किस उम्र की हो कन्या- कन्या पूजन में 2 साल से 10 साल तक की कन्याओं को शामिल कर सकते हैं। हिंदू धर्म में हर उम्र की कन्या को मां दुर्गा का अलग-अलग स्वरूप माना जाता है।