प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि आज व नवमी तिथि कल है। दोनों ही तिथि बेहद ही महत्वपूर्ण मानी जाती है।
नवरात्रि की अष्टमी व नवमी पर हवन और कन्या पूजन करने की परंपरा चली आ रही है।
जो लोग पूरे 9 दिनों का व्रत रखते हैं, वे हवन और कन्या पूजन करने के बाद ही व्रत का पारण करते हैं। इसलिए आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि की अष्टमी-नवमी पर कन्या पूजन की आसान विधि-
अष्टमी और नवमी कब?
चैत्र, शुक्ल अष्टमी प्रारम्भ – 08:12 पी एम, अप्रैल 04
चैत्र, शुक्ल अष्टमी समाप्त – 07:26 पी एम, अप्रैल 05
नवमी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 05, 2025 को 07:26 पी एम
नवमी तिथि समाप्त – अप्रैल 06, 2025 को 07:22 पी एम
अष्टमी-नवमी पर कन्याओं की पूजा कैसे करें? जानें कन्या पूजन की आसान विधि: चैत्र नवरात्रि की पूजा बिना कन्या पूजन के अधूरी मानी जाती है। चैत्र नवरात्रि के 8 दिन में किसी भी दिन कन्या पूजन की जा सकती है।
वहीं, अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 10 वर्ष तक की कन्याओं की पूजा करना अति पुण्यदायक माना जाता है।
कन्याओं के साथ एक बालक की भैरों बाबा के रूप में भी पूजा की जाती है। 9 कन्याओं और एक बालक की पूजा करना शुभ माना जाता है।
1- कन्याओं को 1 दिन पहले ही आमंत्रित करें
2- सभी कन्याओं के पांव को साफ जल, दूध और पुष्प मिश्रित पानी से धोएं
3- फिर कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लें
4- आप सभी कन्याओं को लाल चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं
5- श्रद्धा अनुसार कन्याओं को चुनरी भी उढ़ा सकते हैं
6- अब कन्याओं को भोजन कराएं
7- दक्षिण या उपहार देकर सभी कन्याओं के पांव छूकर आशीर्वाद लें
8- माता रानी का ध्यान कर क्षमा प्रार्थना करें
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।