Kamada Ekadashi 2025: आज है हिन्दू नववर्ष की पहली एकादशी, पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं…

श्रद्धा और आस्था के साथ मंगलवार को कामदा एकादशी का पर्व मनाया जाएगा।

मान्यता है कि यह एकादशी सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली होती है, इसलिए इसे ‘कामदा’ (कामनाओं को देने वाली) एकादशी कहा गया है।

इस दिन श्रद्धालु उपवास रखकर भगवान विष्णु जी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करेंगे और सुख, शांति तथा समृद्धि की कामना करेंगे।

पंडित सूर्यमणि पांडेय ने बताया कि कामदा एकादशी चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती है और इसे वर्ष की पहली एकादशी माना जाता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को रखने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। खास तौर पर इस एकादशी को कामनाओं की पूर्ति करने वाली तिथि माना गया है, इसलिए इसका नाम कामदा एकादशी पड़ा है।

पूजन विधि के अनुसार इस दिन प्रात:काल स्नान कर व्रत का संकल्प लिया जाता है। दिनभर भगवान विष्णु के नाम का स्मरण, व्रत कथा का पाठ, भजन-कीर्तन और रात्रि जागरण किया जाता है।

श्रद्धालु बिना अन्न-जल के या फलाहार करके दिनभर रहेंगे। अगले दिन द्वादशी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है। इस पावन दिन पर श्रद्धालु व्रत रखकर भगवान विष्णु जी की विधिवत पूजा करते हैं और सुख-शांति, समृद्धि तथा मोक्ष की कामना करते हैं।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन उपवास, भजन-कीर्तन और व्रत कथा का पाठ करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है और ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। विभिन्न मंदिरों में इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना, झांकियां और भजन संध्याएं होंगी।

भक्तों का मानना है कि इस दिन भगवान विष्णु की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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