हर महीने शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को धार्मिक नजरिए से बेहद शुभ माना गया है, लेकिन ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा खास मानी जाती है।
इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही व्रत रखकर मन की शुद्धि और जीवन की बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया जाता है।
इस बार जेष्ठ पूर्णिमा 10 जून 2025 को मनाई जा रही है। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान न सिर्फ पुण्य दिलाता है, बल्कि बीमारियों और पारिवारिक तनाव से भी मुक्ति दिलाता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें इन चीजों का दान
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके पूजा-अर्चना की जाती है। इसके बाद जरूरतमंदों को दवाइयां और चिकित्सा संबंधी सामग्री दान करने का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इससे शरीर रोगमुक्त रहता है और मन शांत होता है।
पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन एक लोटे जल में काला तिल डालकर पीपल के पेड़ को अर्पित करें। ऐसा करने से पितृ दोष शांत होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
जो लोग मानसिक तनाव और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, उन्हें इस दिन गरीबों में दूध और दही का दान करना चाहिए। इससे चंद्रमा मजबूत होता है और दिमागी उलझनों से राहत मिलती है।
साथ ही मौसमी फल, सत्तू और ठंडी चीजों का दान करने से गर्मी के असर से राहत मिलती है और पुण्य भी प्राप्त होता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार का सामान जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर आदि दान करना बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है।