भारत की आवाज वैश्विक मंच तक पहुंचाना गर्व की बात है: सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बोले पीएम मोदी…

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंकवाद की समस्या को समाप्त करने की आवश्यकता पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों ने विभिन्न देशों में भारत का विचार पुरजोर तरीके से प्रस्तुत किया।

मोदी ने 33 देशों की राजधानियों की यात्रा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों की मेजबानी की, जिनमें सांसद और पूर्व राजनयिक शामिल थे।

प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘विभिन्न देशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की और शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता तथा आतंकवाद के खतरे को खत्म करने की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की।

जिस तरह से उन्होंने भारत की आवाज को आगे बढ़ाया, उस पर हम सभी को गर्व है।’ सदस्यों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए।

केंद्र सरकार पहले ही 50 से अधिक व्यक्तियों वाले सात प्रतिनिधिमंडलों के कार्य की प्रशंसा कर चुकी है, जिनमें अधिकतर वर्तमान सांसद शामिल थे।

पूर्व सांसद और पूर्व राजनयिक भी इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा थे, जिन्होंने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ का दौरा किया।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहले ही प्रतिनिधिमंडलों से मिल चुके हैं और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को व्यक्त करने में उनके प्रयासों की सराहना कर चुके हैं। 

शिवसेना के श्रीकांत शिंदे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, हमने प्रधानमंत्री को आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ लड़ाई और वैश्विक शांति के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता के वास्ते इन मित्र देशों द्वारा दिए गए भारी समर्थन से अवगत कराया।’

शिंदे ने संयुक्त अरब अमीरात, कांगो, सिएरा लियोन और लाइबेरिया में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने हमारे प्रयासों की सराहना की और विश्व मंच पर भारत का कद बढ़ाने के लिए अपने प्रेरक दृष्टिकोण को साझा किया। उनके शब्दों ने हमें राष्ट्र के लिए अथक परिश्रम करने के लिए प्रेरित किया है।’

चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने किया, जिनमें भाजपा के दो, JDU के एक और शिवसेना के एक सांसद शामिल थे, जबकि तीन का नेतृत्व विपक्षी सांसदों ने किया जिनमें कांग्रेस, द्रमुक और NCP (शरदचंद्र पवार) के एक-एक सांसद शामिल थे।

भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जद (यू) के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, द्रमुक की कनिमोई और राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सुप्रिया सुले ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय एकता का संदेश देने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे थे, जिनमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग विदेशों में भारत के हितों की पैरवी करने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के साथ थे।

प्रतिनिधिमंडलों में प्रमुख पूर्व सांसदों में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और सलमान खुर्शीद शामिल थे।

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