इजरायल-हमास युद्ध ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है। इजरायली सेना ने एक बार फिर से गाजा के अंदर घुसकर सैन्य अभियान शुरू कर दिए है।
इस बार इस अभियान के और भी ज्यादा घातक और विनाशकारी होने का खतरा बढ़ गया है क्योंकि इस बार इजरायल के पास रुकने की वजहें बहुत कम हैं।
दूसरी तरफ अमेरिकी ट्रंप प्रशासन भी लगातार अपना पूर्ण समर्थन गाजा में इजरायल द्वारा की जा रही सैन्य कार्रवाई को दे चुका है।
संघर्ष विराम के दौरान सभी इजरायली बंधकों को न छोड़ने का आरोप लगाते हुए इजरायली एयरफोर्स ने मंगलवार को अचानक बमबारी शुरू कर दी, इसमें सैकड़ों फिलिस्तीनी लोग मारे गए।
इस बमबारी के साथ ही पहले से ही नाजुक रहा संघर्ष विराम पूरी तरह से टूट गया।
इतना ही नहीं इजरायल ने हमास को धमकी देते हुए कहा कि यदि वह बाकी बचे इजरायली बंधकों को आजाद नहीं करता है और गाजा का क्षेत्र नहीं छोड़ता है, तो यह निश्चित है कि इस बार गाजा में ऐसी तबाही मचेगी, जो कभी नहीं देखी गई होगी।
पिछले आक्रमण के समय अमेरिका प्रशासन इजरायल के साथ खड़ा तो था लेकिन उसे रोकने की कोशिश भी कर रहा था। लेकिन ट्रंप प्रशासन के सत्ता में आने के बाद अमेरिका दो कदम बढ़कर इजरायल के समर्थन में आ गया है।
ट्रंप प्रशासन ने इजरायल द्वारा किए गए इस नए आक्रमण का समर्थन किया है। राष्ट्रपति ट्रंप भी लगातार यह कहते आ रहे हैं कि फिलिस्तीनियों को गाजा से निकाल कर दूसरे देशों में बसा दिया जाए।
दूसरी तरफ इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस बार पहले से कहीं ज्यादा मजबूत स्थिति में हैं। पिछले आक्रमण के समय गाजा में बंधकों की संख्या बहुत ज्यादा थी और ऐसी खबरें भी आई थीं कि हमास के लड़ाके इजरायली बंधकों को मानव शील्ड के रूप में प्रयोग करते थे।
संघर्ष विराम के साथ ही कई बंधक रिहा कर दिए गए, इससे इजरायली सेना को व्यापक और घातक हमला करने में आसानी होगी।
इजरायली रक्षा मंत्री कैट्ज ने बुधवार को अपने मंसूबे जाहिर करते हुए कहा अगर, “हमास सभी बंधकों को आजाद करके गाजा से बाहर नहीं निकला तो इजरायल ऐसी तीव्रता के साथ काम करेगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया होगा।”
उन्होंने गाजा के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बंधकों को रिहा कर दीजिए और हमास को बाहर निकाल दीजिए, इससे आपके पास दूसरे विकल्प खुल जाएंगे, जिसमें दुनिया के दूसरे देशों में जाना और बसना भी शामिल है।
अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर एक ही विकल्प है पूरी तरह से विनाश और तबाही।