सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक – छत्तीसगढ़):
धमतरी- ज़िले में इन दिनोंं बड़े त्यौहार, आयोजन लगातार हो ही रहे हैं, जैसे दीपावली, राज्योत्सव, यूनिटी मार्च, आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम।
इन आयोजनों के मद्देनजर जिले के अधिकारी व स्थानीय जनप्रतिनिधि शायद काफी थकान महसूस कर रहे हैं।
शायद यही वजह है कि ज़िला जनसंपर्क विभाग से जारी प्रेस विज्ञप्ति में ज़िले की एक महिला नेत्री के नाम में बड़ी गड़बड़ी हो गई।
जब ये विज्ञप्ति जारी हुई तो कुछेक मीडिया कर्मी भी सकते में आ गए के ये कौन महिला नेत्री है! फिर कुछ देर बाद त्रुटि सुधार किया गया।
यही माजरा यूनिटी मार्च के समापन स्थल गांधी मैदान में देखने मिला जहां फिर उसी जनप्रतिनिधि की कुर्सी का स्थान बदल दिया गया जिसके चलते सभा स्थल का थोड़ा तापमान भी बढ़ गया था।
अब सवाल ये उठता है कि ये सब मानवीय भूल हो रही या जानबूझकर इस तरह का हथकंडा स्थानीय नेताओं (मैं उप.. तो मैं महा..) द्वारा एक दूसरे के लिए अपनाया जा रहा है। क्योंकि जिले में गुटबाज़ी की खबरें तो आम हैं, क्योंकि ये लड़ाई है वर्चस्व की। इसी के चलते लोग अपना अपना क़यास भी लगा रहे हैं।
पुलिस विभाग भी पीछे नहीं…
वैसे त्रुटियों के कारनामे पुलिस विभाग से जारी अलग अलग मामलों की विज्ञप्तियों में भी देखने मिलती ही रहती है। जिसके चलते अक्सर मीडिया कर्मियों को बड़ी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ जाता है। इस तरह की गलतियों का बार बार होना ठीक नहीं।
क्योंकि असली सवाल है जनता के विश्वास का।