गाजा में भीषण हिंसा के बीच हमास और इजरायल नई डील के करीब, जानें समझौते की खास बातें…

गाजा में कई महीनों से जारी भीषण सैन्य संघर्ष और रक्तपात के बाद इज़रायल ने हमास को एक नई युद्धविराम-बंधक रिहाई डील का प्रस्ताव भेजा है और अब वह उसके जवाब का इंतज़ार कर रहा है।

इस बार उम्मीद की जा रही है कि मिस्र, क़तर और अमेरिका की मध्यस्थता से यह बातचीत किसी ठोस नतीजे तक पहुंच सकती है।

इजरायली अखबार Haaretz के अनुसार, हमास का प्रतिनिधिमंडल हाल ही में काहिरा पहुंचा है, जहां मध्यस्थ देश जनवरी में हुई डील के दूसरे चरण की संभावनाएं तलाश रहे हैं।

इसमें स्थायी युद्धविराम और हमास के असैनिकिकरण की शर्त शामिल है, जिसे मिस्र की निगरानी में लागू किया जाएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमास ने उम्मीदें कम कर रखी हैं, लेकिन उसे लगता है कि मई के मध्य से पहले एक सहमति बन सकती है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उस समय सऊदी अरब, यूएई और क़तर की यात्रा पर होंगे।

डील में बंधकों की रिहाई सबसे अहम

Ynet न्यूज़ वेबसाइट के अनुसार, इज़रायल ने हमास से 9 या 10 जीवित बंधकों की रिहाई की मांग की है, जिनमें अमेरिकी-इज़रायली नागरिक एडन अलेक्जेंडर भी शामिल हैं।

अमेरिका ने कथित तौर पर हमास को यह आश्वासन दिया है कि यदि वह 8 से अधिक बंधकों को रिहा करता है, तो वह सुनिश्चित करेगा कि इज़रायल स्थायी युद्धविराम की वार्ता में भाग ले।

नरम पड़े नेतन्याहू

टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वॉशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात के बाद कुछ नरमी बरती है। इज़रायल चाहता है कि 45 दिन के युद्धविराम की शुरुआती दो हफ्तों में ही बंधकों की रिहाई हो जाए।

इज़रायल ने यह भी संकेत दिया है कि वह हर बंधक के बदले रिहा किए जाने वाले कैदियों की संख्या में कटौती करेगा और साथ ही 16 मृत इज़रायली बंधकों के शवों की वापसी की मांग की है।

स्थायी युद्धविराम की शर्तें

इज़रायल ने कहा है कि अगर युद्धविराम लागू होता है तो वह स्थायी शांति समझौते के लिए बातचीत करने को तैयार है, लेकिन तब तक नहीं जब तक हमास की सैन्य ताकत पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाती।

नेतन्याहू की यह नीति उनके कट्टरपंथी गठबंधन सहयोगियों के दबाव में भी है।

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