सिंधु का पानी रोका तो सऊदी के सामने गिड़गिड़ाया पाकिस्तान, लेकिन भारत का रुख अब क्या होगा?…

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भारत से बातचीत की कोशिश में हैं। इस बात के ताजा संकेत सऊदी अरब के युवराज से बातचीत में मिले।

उन्होंने कहा है कि वह भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए ‘सार्थक वार्ता’ के लिए तैयार है। हाल ही में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो से बातचीत में भी ऐसी ही इच्छा जाहिर की थी।

‘रेडियो पाकिस्तान’ के अनुसार, प्रधानमंत्री शरीफ ने सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान बातचीत के दौरान कहा कि ‘पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर, जल, व्यापार और आतंकवाद सहित सभी लंबित मुद्दों पर भारत के साथ सार्थक बातचीत करने के लिए तैयार है।’

पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया और पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक गतिविधियां रोकने जैसे कदम उठाए।

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भी शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तानी इलाकों में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया था।

इस हमले के बाद चार दिनों तक संघर्ष जारी रहा, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के बाद थम गया।

अमेरिका के पास पहुंचे

शरीफ ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर, सिंधु जल संधि, व्यापार और आतंकवाद से निपटने सहित सभी लंबित मुद्दों पर भारत के साथ बातचीत करने की इच्छा दोहराई।

सरकारी पाकिस्तान टीवी द्वारा ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए एक बयान के अनुसार, शहबाज शरीफ ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान यह बात कही।

शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के बारे में राष्ट्रपति ट्रंप के सकारात्मक बयान दक्षिण एशिया में स्थायी शांति के लिए सबसे उत्साहजनक हैं, जिसे पाकिस्तान और भारत के बीच सार्थक बातचीत शुरू करके ही संभव बनाया जा सकता है।

खास बात है कि भारत ने स्पष्ट किया है कि वह पाकिस्तान के साथ केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की वापसी और आतंकवाद के मुद्दे पर ही बातचीत करेगा।

मई में भी ऐसी ही इच्छा जताई

मई के अंत में अजरबैजान के लाचिन में पाकिस्तान-तुर्किए-अजरबैजान त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा कि दोनों पक्षों को बैठकर मुद्दों का समाधान करना चाहिए।

इससे पहले ईरान की राजधानी तेहरान में भी उन्होंने कहा था कि वह ‘सभी विवादों को हल करने के लिए’ भारत के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं।

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