ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध में अब अमेरिका भी कूद गया है।
अब इसे लेकर कतर ने चेतावनी जारी कर दी है कि अगर ईरान के न्यूक्लियर प्लांट पर हमला हुआ हो, तो खाड़ी क्षेत्र से पानी खत्म हो जाएगा।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के मकसद से इजरायल की ओर से शुरू किए गए हमलों को मजबूती देने अमेरिका ने रविवार तड़के तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद अल थानी का कहना है कि अगर न्यूक्लियर प्लांट पर हमला हुआ, तो पानी की सप्लाई असुरक्षित हो सकती है।
करीब तीन महीने पहले अमेरिकी पत्रकार टकर कार्लसन को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि खाड़ी के देश फारस की खाड़ी से आने वाले पानी पर निर्भर हैं।
उन्होंने कहा था, ‘पानी पूरी तरह से दूषित हो जाएगा। ना पानी होगा, ना मछली कुछ नहीं। इसमें जीवन ही नहीं रहेगा।’ उन्होंने कहा था, ‘हमारे लोगों के लिए हम जो पानी का इस्तेमाल करते हैं, वो डिसेलिनेशन (नमक हटाकर पानी इंसान के पीने लायक बनाने की प्रक्रिया) से आता है। हमारे पास नदियां नहीं हैं और हमारे पास जलाशय नहीं हैं। देश में तीन दिन में पानी खत्म हो जाएगा। ये हालात सिर्फ कतर नहीं, बल्कि कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात के लिए भी हैं। हम सभी के लिए हैं।’
अल थानी ने जानकारी दी थी कि कतर ने प्लांट पर हमले से होने वाले नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है। साथ ही बताया था कि एहतियात के तौर पर बड़ी स्टोरेज का निर्माण कराया गया है।
क्षेत्रीय नेता भी इस बात पर चिंता जता रहे हैं कि अगर परमाणु ठिकाने पर हमला हुआ, तो क्या होगा। कतर और यूएई के विदेश मंत्रियों ने चेताया है कि ये स्ट्राइक पानी को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिनपर खाड़ी देश निर्भर हैं।