अमेरिका में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप टॉवर पर धावा बोलते हुए करीब 100 लोगों की गिरफ्तारी की; जानिए उनकी मांग क्या है…

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप सरकार पर यहूदियों का गुस्सा फूट पड़ा है।

गुरुवार को ट्रंप टॉवर के बाहर तब बवाल मच गया जब दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने प्रतिष्ठित ट्रंप टॉवर पर धावा बोल दिया।

लोगों की भीड़ ने ट्रंप टॉवर के बाहर जमकर नारे लगाए। मैनहट्टन स्थित ट्रंप टॉवर में विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने करीब 100 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

दरअसल ये यहूदी फिलिस्तीनी कार्यकर्ता और कोलंबिया विश्वविद्यालय के छात्र महमूद खलील को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

गौरतलब है कि बीते सप्ताह कोलंबिया यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीनी समर्थक प्रदर्शनों में शामिल होने के आरोप में खलील के खिलाफ एक्शन लिया गया था।

गुरुवार शाम यहूदी वॉयस फॉर पीस द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन शुरू होते ही लोगों की भीड़ जमा हो गई। प्रदर्शनकारियों ने टॉवर की प्रतिष्ठित सुनहरी लॉबी में पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया।

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान लोग एक खास तरह की टीशर्ट पहने दिखे जिस पर “नॉट इन आवर नेम” और “इजरायल को हथियार देना बंद करो” जैसे नारे लिखे थे।

वहीं प्रदर्शनकारियों ने “महमूद खलील को रिहा करो”, “फिलिस्तीन को आजाद करो” और “पूरी दुनिया देख रही है” जैसे नारे भी लगाए। न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के मुताबिक 98 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

महमूद खलील पर बड़ा एक्शन

इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के फिलिस्तीनी कार्यकर्ता खलील पर बड़ा एक्शन लेते हुए उसका ग्रीन कार्ड रद्द कर दिया था।

वहीं ट्रंप ने बीते सोमवार को कहा था कि अमेरिकी सरकार “आतंकवाद समर्थकों” को नहीं छोड़ेगी और देश से बाहर कर देगी। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा था, “मेरे कार्यकारी आदेशों का पालन करते हुए, ICE ने कोलंबिया विश्वविद्यालय के परिसर में एक कट्टरपंथी हमास छात्र महमूद खलील को गर्व से पकड़ा और हिरासत में लिया। यह आने वाली कई गिरफ्तारियों में से पहली है। हम जानते हैं कि कोलंबिया और देश भर के अन्य विश्वविद्यालयों में ऐसे कई छात्र हैं जो आतंकवाद समर्थक, यहूदी विरोधी, अमेरिकी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और ट्रंप प्रशासन इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।”

ट्रंप ने दी थी चेतावनी

ट्रंप ने आगे कहा था, “बहुत से लोग छात्र नहीं हैं। आंदोलनकारी हैं। हम इन आतंकवादी समर्थकों को खोजकर, पकड़कर, हमारे देश से निकाल फेंकेंगे ताकि वे फिर कभी वापस न आ पाएं।

अगर आप निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की हत्या के आतंकवाद का समर्थन करते हैं, तो आपकी उपस्थिति हमारी राष्ट्रीय और विदेश नीति के हितों के विपरीत है और आपका यहां स्वागत नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका के सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय इसका पालन करेंगे।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *