पाकिस्तान से भारत कैसे निपटेगा, जयशंकर ने साफ कर दिया; न्यूक्लियर ब्लैकमेल पर भी किया बड़ा बयान…

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को पाकिस्तान को साफ संदेश देते हुए कहा है कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा और परमाणु ब्लैकमेल के आगे कभी नहीं झुकेगा।

अपने जर्मन समकक्ष जोहान वेडफुल के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी टिप्पणी में विदेश मंत्री ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ पूरी तरह से द्विपक्षीय तरीके से निपटेगा और इस संबंध में किसी भी तरफ कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री वर्तमान में अपनी तीन देशों की यूरोप यात्रा के तहत जर्मनी में हैं। उन्होंने कहा, ”मैं पहलगाम आतंकी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के तुरंत बाद बर्लिन आया था।

मैं आपसे वह साझा करना चाहता हूं जो मैंने उस संदर्भ में जर्मनी के मंत्री वेडफुल को बताया। भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करता। भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि भारत जर्मनी की इस समझ को महत्व देता है कि हर देश को आतंकवाद के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार है।

भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद कूटनीतिक संपर्क स्थापित किया है। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नई सामान्य स्थिति की घोषणा की है, जिसके तहत नई दिल्ली सीमा पार से होने वाले किसी भी आतंकवादी कृत्य को भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई मानेगी।

इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पश्चिमी देशों को स्पष्ट किया था कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कश्मीर मुद्दे को लेकर नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले के जवाब में की थी।

डॉ. जयशंकर ने डेनमार्क के एक अखबार ‘पोलिटिकेन’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ”यह कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष नहीं था, बल्कि 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की बर्बरतापूर्वक की गई हत्या के जवाब में की गयी भारत की कार्रवाई थी।”

उन्होंने पश्चिम देशों द्वारा पिछले कुछ दशकों से पाकिस्तान को दिए जा रहे समर्थन पर कहा कि पाकिस्तान 1947 से ही कश्मीर में हमारी सीमाओं का उल्लंघन करता आ रहा है, लेकिन लोकतंत्र का हिमायती यूरोप इस क्षेत्र में सैन्य तानाशाहों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है।

उन्होंने पश्चिमी देशों पर तंज कसते हुए कहा, ”पश्चिमी देशों की तरह किसी ने भी पाकिस्तान के सैन्य शासन का समर्थन नहीं किया।”

वहीं, रूस से ईधन के आयात के बारे में विदेश मंत्री ने बताया कि यूरोप – अपने आक्रोश और प्रतिबंधों के बावजूद – अभी भी रूस से ईधन का आयात करता है। साथ ही, यूरोप भारत सहित सभी विकासशील देशों के लिए ईधन की कीमतें बढ़ा रहा है।

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