हमास ने कैसे मचाई इतनी बड़ी तबाही? इजरायली सेना से कहां हुई चूक? रिपोर्ट के खुलासे ने चौंकाया…

7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकवादियों ने इजरायल पर घातक हमला किया था।

इजरायली सेना ने इस अटैक को रोकने में पूरी तरह से विफलता की बात स्वीकार की है। हमले को लेकर आंतरिक जांच में यह सामने आया है।

इजरायली सेना की ओर से जारी जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि हमास इजरायल के इतिहास का सबसे घातक हमला करने में सफल रहा, क्योंकि इजरायल की सेना ने आतंकी समूह के इरादों को गलत समझा और उसकी क्षमताओं को कम करके आंका।

ये नतीजे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर दबाव डालने वाले हैं। मालूम हो कि इस हमले के चलते ही गाजा में बड़े पैमाने पर युद्ध छिड़ा।

कई इजरायली भी मानते हैं कि 7 अक्टूबर की गलतियां सेना से आगे तक फैली हुई हैं। वे पीएम नेतन्याहू को उस रणनीति के लिए दोषी मानते हैं, जिसे नियंत्रण बताया जाता रहा।

रिपोर्ट के अनुसार, इस रणनीति के चलते कतर को गाजा में नकदी भेजने की इजाजत दी गई।

हमास के प्रतिद्वंद्वी व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त फिलिस्तीनी प्राधिकरण को हाशिए पर डाला गया। हालांकि, नेतन्याहू ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है।

उनका कहना है कि युद्ध के बाद ही कठिन सवालों का जवाब दिया जाएगा। फिलहाल, युद्धविराम के कारण जंग लगभग 6 सप्ताह से रुकी हुई है।

इसी हफ्ते समाप्त हो रहा संघर्ष विराम

बता दें कि 7 अक्टूबर के हमले में लगभग 1200 लोग मारे गए थे। साथ ही, गाजा में 251 लोगों को बंधक बनाया गया था। पीड़ित परिवारों सहित सार्वजनिक दबाव के बावजूद नेतन्याहू जांच आयोग के गठन की मांग को खारिज करते रहे हैं।

इस बीच, इजरायल संघर्ष विराम के तहत गाजा में एक रणनीतिक गलियारे से पीछे नहीं हटेगा। इजरायल के इस फैसले से संघर्ष विराम को लेकर हमास और प्रमुख मध्यस्थ मिस्र से संकट उत्पन्न हो सकता है।

कुछ घंटे पहले, हमास ने 600 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में 4 इजराइली बंधकों के शव सौंपे जो कि संघर्ष विराम के पहले चरण की अंतिम नियोजित अदला-बदली है।

संघर्ष विराम इस वीकेंड पर समाप्त हो रहा है। दूसरे चरण पर बातचीत अभी शुरू होनी बाकी है।

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