प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार): केवल व्हाट्सएप) 94064 20131
हिंदू धर्म में होली का त्योहार प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। देशभर में बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ होली मनाया जाता है।
यह त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को पड़ता है, लेकिन इससे एक दिन पहले रात्रि में होलिका दहन किया जाता है। जिसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है।
होली का महापर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार को लेकर कई अलग-अलग पौराणिक कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं।
रंगों का पर्व होली काम, क्रोध, मद,मोह और लोभ जैसे दोषों को त्यागकर ईश्वर की भक्ति में समय व्यतीत करने का संदेश देता है।
इस दिन लोगों एक-दूसरे को अबीर-गुलाल और रंग लगाते हैं और आपस में खुशियां बांटते हैं।
इस साल होलिका दहन के दिन भद्रा का साया रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्राकाल में होलिका दहन करना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं होली की सही तिथि और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त…
होली कब है?
द्रिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 13 मार्च 2025 को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर होगी और अगले दिन 14 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी।
ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 14 मार्च को होली मनाई जाएगी और 13 मार्च की रात्रि को होलिका दहन किया जाएगा। इस साल होलिका दहन के दिन भद्रा का भी साया रहेगा।
होलिका दहन पर भद्रा : 13 मार्च को होलिका दहन के दिन 10:35 ए एम से 11:26 पी एम तक भद्राकाल रहेगा। इस दौरान होलिका दहन करने से बचें।
होलिका दहन का मुहूर्त : पंचांग के अनुसार, 13 मार्च को देर रात 11 : 27 पीएम से लेकर 14 मार्च को 12:30 एएम तक लगभग 01 घंटा 40 मिनट तक होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।