प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
हिंदू धर्म में होलाष्टक का विशेष महत्व है।
इस साल होलाष्टक 07 मार्च 2025, शुक्रवार से आरंभ हो गए हैं। होलाष्टक के समय शुभ व मांगलिक कार्यों की मनाही होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होलाष्टक की शुरुआत से ही होलिका दहन की तैयारी शुरू होती है। यह वह समय है जब भगवान शिव ने कामदेव को भस्म किया था।
यही कारण है कि इस दौरान विवाह, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश समेत अन्य शुभ संस्कार पर रोक होती है। मान्यता है कि इस दौरान कुछ कार्यों को करने से जीवन में सकारात्मकता व शुभता का आगमन होता है। जानें होलाष्टक के दौरान क्या करें-
1. होलाष्टक के दौरान हनुमान चालीसा का रोजाना पाठ करना अत्यंत शुभ व लाभकारी माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। हनुमान जी की कृपा से कार्यों में आने वाली अड़चनें दूर होती हैं और संकटों से रक्षा होती है।
2. होलाष्टक के दौरान भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस शिव मंत्रों का जाप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक चिंताओं से मुक्ति मिलती है।
3. होलाष्टक के दौरान दान का विशेष महत्व है। इस दौरान गरीब व जरूरतमंदों की मदद करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दौरान दान-पुण्य करने से जीवन में सुख-शांति व समृद्धि का आगमन होता है।
4. होलाष्टक के दौरान पितरों का तर्पण अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने परिवार में सुख-शांति व समृद्धि का आगमन होता है। करियर में तरक्की के अवरोध खत्म होते हैं और संतान से जुड़ी परेशानियां खत्म होने की मान्यता है।
होलाष्टक कब खत्म होंगे: होलाष्टक 13 मार्च 2025 को होलिका दहन के साथ समाप्त होंगे। इसके अगले दिन रंग वाली होली खेली जाएगी।