साइबर अपराधियों को फिशिंग मैसेज सेवा देने वाले गिरोह का पर्दाफाश, CBI ने दिल्ली, नोएडा और चंडीगढ़ में की छापेमारी…

 सीबीआई ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो कथित रूप से साइबर अपराधियों को फिशिंग मैसेज सर्विस मुहैया कराता था। इससे फर्जी लोन और निवेश का प्रलोभन देकर भोले-भाले लोगों को फंसाया जा रहा था।

जांच एजेंसी ने इस मामले में तीन ऑपरेटिव को गिरफ्तार किया है।

उसने दिल्ली, नोएडा और चंडीगढ़ में छापे मारे और फिशिंग मैसेज भेजने में एक सक्रिय सिस्टम का पर्दाफाश किया। इस दौरान बेहिसाब नकदी, क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल साक्ष्य मिले।

अधिकारियों ने क्या जानकारी दी?

अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि प्रारंभिक जांच में केंद्रीय एजेंसी ने 21 हजार सिम कार्डों की पहचान की, जो नियमों का उल्लंघन कर धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए थे।

कुछ टेलीकॉम कंपनियों के चैनल पार्टनर और उनके कर्मचारियों की भूमिका का भी पता चला है, जिन्होंने इस धोखाधड़ी के लिए अवैध तरीके से सिम कार्डों की व्यवस्था की थी।

सीबीआई के बयान के अनुसार, बड़े पैमाने पर संदेश भेजने के लिए इन सिम कार्डों को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये नियंत्रित किया जाता था।

सीबीआई ने संचार साथी प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए निजी फर्म भगवान महावीर सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया।

यह कंपनी अवैध तरीके से इस सिस्टम का संचालन करती थी। इसके जरिये साइबर अपराधी देशभर में लोगों को फर्जी संदेश भेजते थे।

क्या है फिशिंग मैसेज सर्विस

फिशिंग मैसेज सर्विस साइबर धोखाधड़ी का एक तरीका है। इसके जरिये साइबर अपराधी बैंक, कंपनियां या सरकारी एजेंसियां होने का दिखावा करते हुए बड़े पैमाने पर ईमेल या संदेश भेजते हैं ताकि निजी जानकारी चुरा सकें या ठगी कर सकें।

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