अमेरिका के कैलिफोर्निया में सड़क हादसे का शिकार होने के बाद भारतीय छात्रा नीलम शिंदे कोमा में चली गई हैं।
सतारा में उनके परिवार को जब हादसे की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत इमर्जेसी वीजा का आवेदन कर दिया।
वहीं अमेरिकी दूतावास से उन्हें इंटरव्यू के लिए एक साल बाद का वक्त दिया गया। परेशान माता-पिता ने जब सरकार से गुहार लगाई तो विदेश मंत्रालय ऐक्टिव हो गया और अब पिता तानाजी शिंदे को 10 दिन की जद्दोजेहद के बाद वीजा इंटरव्यू का स्लॉट मिल गया है।
नीलम शिंदे शाम के वक्त टहलने निकली थीं तभी पीछे से एक हाई स्पीड कार ने टक्कर मार दी। हादसा इतना भयानक था कि शिंदे 40 फीट दूर जाकर गिरीं। वह बुरी तरह घायल हो गईं।
दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए और सिर और छाती में भी चोट आई। काफी देर तक वह सड़क किनारे ही पड़ी थीं और कोई उन्हें अस्पताल पहुंचाने वाला भी नहीं था।
इसके बाद पुलिस को जानकारी मिली और फायर डिपार्टमेंट ने अपनी गाड़ी में उन्हें अस्पताल पहुंचाया। यूएस डेविस मेडिकल सेंटर के डॉक्चरों का कहना है कि नीलम के पिता के आने के बाद ही कोई बड़ा मेडिकल डिसीजन लिया जा सकता है और तभी उनकी हालत सुधर सकती है।
नीलम कैलिफोर्निया में इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री कर रही थीं। हादसे के आरोपी 58 साल के लॉरेंस गैलो को पांच दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया है।
उनके पिता ने 48 घंटे बाद का इमर्जेंसी वीजा अप्लाई किया था लेकिन इंटरव्यू का वक्त एक साल बाद का दिया गया। एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने भी यह मुद्दा उठाया और इसके बाद विदेश मंत्रालय ऐक्टिव हो गया। अब शुक्रवार को तानाजी का वीजा इंटरव्यू होना है।
शिंदे ने कहा, नीलम हमारी अकेली ही बच्ची है। पिछले साल फऱवरी में उसकी मां गुजर गई थी तब वह घर आई थीं। 12 फरवरी को हमारे बीच लंबी बातचीत हुई थी।
उसने कहा था कि सेमेस्टर एग्जाम से पहले उसका घर आना मुश्किल है। दो दिन बाद ही उसके दोस्त ने ऐक्सिडेंट की जानकारी दी।
नीलम ने इंजीनियरिंग में ग्रैजुएशन सिंहगढ़ इंस्टीट्यूट पुणे से किया था। इसके बाद एक साल नासा में इंटर्नशिप करने का मौका मिला। चार साल पहले एमएस डिग्री के लिए नीलम ने कैलिफोर्निया में एडमिशन लिया था।