पंजाब पुलिस ने एक साल से अधिक समय से डेरा डाले किसानों को शंभू और खनौरी सीमा पर स्थित धरना स्थलों से हटा दिया है।
इससे पहले पुलिस ने किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद लौटते समय मोहाली में हिरासत में ले लिया था।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद विभिन्न किसान संगठनों ने आज एक राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है। यह प्रदर्शन सभी जिलों के उपायुक्त (डीसी) कार्यालयों के बाहर आयोजित किया जाएगा।
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार की ओर से उनकी जायज मांगों पर ध्यान न देने और शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर सख्त कार्रवाई के खिलाफ यह कदम उठाया जा रहा है।
नजदीकी सड़कों को जाम करने का आह्वान
ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान नेताओं जगजीत सिंह दल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर और अन्य की गिरफ्तारी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पूरे पंजाब में चक्का जाम की घोषणा की है।
गांव स्तर पर ऐसी घोषणाएं की गई हैं और किसानों से नजदीकी सड़कों को जाम करने को कहा गया है। कई किसान नेताओं को विरोध प्रदर्शन करने से रोकने के लिए उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है।
साथ ही, हरियाणा पुलिस ने किसान नेता जसमीत सिंह और तेजवीर सिंह के घरों पर नोटिस भेजा है। उन्हें गुरुवार को एसआईटी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
राज्य पुलिस पिछले साल उनके खिलाफ दर्ज मामले की जांच कर रही है। नोटिस में कहा गया है कि अगर वे एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कल भी होंगी किसानों की बैठकें
इस बीच, जगजीत दल्लेवाल को जालंधर के पीआईएमएस में लाया गया। उन्होंने वहां भर्ती होने से इनकार कर दिया और कड़ी सुरक्षा के बीच अस्पताल के बाहर पुलिस की गाड़ी में लेट गए।
बाद में उन्हें दूसरी जगह ले जाया गया। इसके अलावा, एसकेएम (अखिल भारतीय) नेता गुरुवार को अगली कार्रवाई तय करने के लिए बैठकें करेंगे।
इस संगठन में जोगिंदर सिंह उग्राहन, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल और हरिंदर सिंह लखोवाल जैसे नेता शामिल हैं।
पुलिस की कार्रवाई को अभूतपूर्व बताते हुए, किसान नेता राकेश टिकैत ने देश भर के किसान संघों से एकजुट होने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं किया गया तो सरकार “उनके विरोध को दबाना और कॉरपोरेट्स की सुविधा देना जारी रखेगी”।
पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी सीमा से किसानों को हटाया
पुलिस सूत्रों ने बुधवार देर रात बताया कि अस्थायी ढांचों और मंचों को हटाने तथा किसानों द्वारा खड़ी ट्रॉलियों और अन्य वाहनों को हटाने के बाद प्रदर्शन स्थल को खाली करा दिया गया है।
यह पूछे जाने पर कि बाधित सड़कों पर यातायात कब बहाल होगा, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पंजाब की तरफ की सड़क खाली होने के बाद यातायात की बहाली इस बात पर निर्भर करेगी कि हरियाणा सरकार अवरोधक कब हटाती है।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली कूच करने से रोके जाने के बाद पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू (शंभू-अंबाला) और खनौरी (संगरूर-जींद) सीमा पर डेरा डाले हुए थे।