रायपुर : जशपुर जिले के दूरस्थ अंचलों में वित्तीय समावेशन की मिसाल…

बीसी सखी रीना की प्रेरणादायक कहानी

छत्तीसगढ़ राज्य की महिला सशक्तिकरण तथा वित्तीय समावेशन की दिशा में चल रही योजनाओं को ग्रामीण स्तर पर सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने में “बीसी सखी योजना” महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

इसी कड़ी में फरसाबहार विकासखंड की केसरई ग्राम पंचायत की निवासी श्रीमती रीना साहू, बीसी सखी के रूप में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं।

श्रीमती रीना साहू प्रतिदिन औसतन 30 से 35 हितग्राहियों को लगभग 30 हजार रुपये की राशि की निकासी कर, नगद रूप में वितरित करती हैं।

ये सेवाएं विशेष रूप से उन हितग्राहियों के लिए लाभप्रद हैं, जो बैंक शाखा तक जाने में असमर्थ हैं, जैसे वृद्धजन, दिव्यांगजन एवं महिलाएं।

रीना उन्हें मनरेगा मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, महतारी वंदना योजना सहित विभिन्न शासकीय योजनाओं की राशि उनके घर पहुंचाकर प्रदान करती हैं।

सरकार द्वारा उन्हें बीसी सखी के रूप में प्रशिक्षित किया गया तथा कार्य संचालन हेतु आवश्यक उपकरण जैसे लैपटॉप व अन्य डिजिटल संसाधन भी उपलब्ध कराए गए, जिससे वे पांच ग्राम पंचायतों में निर्बाध सेवाएं प्रदान कर रही हैं।

रीना साहू मुस्कान स्व-सहायता समूह की सक्रिय सदस्य भी हैं। समूह के माध्यम से वह सिलाई, अचार निर्माण एवं अन्य लघु उद्यमों में भी जुड़ी हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है। स्वच्छता अभियान से जुड़ाव के माध्यम से उन्होंने समाज में जागरूकता फैलाने का भी कार्य किया है।

रीना का यह समर्पण भाव, उनकी आत्मनिर्भरता एवं सेवा भावना उन्हें ग्रामीण अंचल में एक सम्मानजनक पहचान दिला चुकी है।

उनके कार्य से प्रेरित होकर अन्य महिलाएं भी वित्तीय समावेशन की मुख्यधारा से जुड़ने की दिशा में अग्रसर हो रही हैं।

श्रीमती रीना साहू जैसी महिलाएं छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं के धरातल पर क्रियान्वयन की सशक्त कड़ी बन रही हैं तथा “नारी शक्ति” की भूमिका को ग्रामीण विकास के केंद्र में स्थापित कर रही हैं।

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