दुनियाभर के 57 देशों पर टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगी एलन मस्क को निंदा का सामना करना पड़ रहा है।
उनके खिलाफ अमेरिका ही नहीं बल्कि यूरोपीय देशों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं यूरोपीय यूनियन के देशों ने अमेरिका पर भी टैरिफ लगाने की धमकी दे दी है।
डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करने वाले उनके विरोधी ही नहीं उनके समर्थक भी हैं। इसी लिस्ट में एक नाम अरबपति निवेशक बिल एकमैन का भी है।
उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी दुनिया के खिलाफ ही आर्थिक युद्ध छेड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका के व्यापारिक संबंध खराब होंगे और दोस्तों के सामने भी छवि धूमिल हो जाएगी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोई अर्थव्यवस्था के जानकार नहीं हैं इसलिए अपनी नीतियों के लिए वह सहयोगियों पर ही आंख मूंदकर यकीन करते हैं।
उनकी खराब गणित की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था को संकट में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कहा कि कारोबार विश्वास पर टिका होता है और डोनाल्ड ट्रंप उसी विश्वास को तारतार कर रहे हैं।
एकमैन ने कहा, राष्ट्रपति दुनियाभर में कारोबार को लेकर अपनी विश्वसनीयता खोते ही जा रहे हैं। वहीं इसका खामियाजा अमेरिका की उस जनता को भी भुगतना पड़ रहा है जिसने चुनाव में उनका समर्थन किया था। जनता ने आपको इसलिए वोट नहीं दिया था।
उन्होंने कहा कि हमारे दुश्मनों को तो छोड़िए बल्कि दोस्तों पर भी असंतुलित टैरिफ लाद दिए गए हैं जिससे डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी दुनिया के खिलाफ ही आर्थिक युद्ध छेड़ दिया है। जो देश निवेश और व्यापार के लिए इतना सुलभ माना जाता था उसके विश्वास को ही तहस-नहस कर दिया गया।
‘आर्थिक परमाणु युद्ध’
एकमैन ने कहा, यह अर्थव्यवस्था का परमाणु युद्ध है। निवेश रुकेगा तो ग्राहक भी अपने बटुए बंद कर लेंगे। इससे अमेरिकी का छवि भी खराब होगी और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होगा।
वहीं इसके रिकवर करने में दशकों का समय लग जाएगा। उन्होंने कहा कि जब शेयर बाजार गिरता है तो ग्राहक भी निवेश रोक देते हैं।
ऐसे में कारोबारियों के पास कर्मचारियों की छंटनी और निवेश को रोकने के अलावा कोई चारा ही नहीं बचता। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से बड़े ही नहीं बल्कि छोटे व्यापार भी प्रभावित होंगे।
जोपीमोरगन चेज ऐंड कॉर्पोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेमी डिमोन ने भी डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी देते हुए कहा था कि उनकी नीतियां दुनिया को मंदी की ओर धकेल रही हैं।
उन्होंने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि कई करीबी सहयोगियों के साथ भी व्यापारिक समझौते रुक गए हैं। उन्होंने सलाह दी थी की भारत जैसे देशों के साथ अमेरिका को रिश्ते बढ़ाने चाहिए और व्यापार में योगदान देना चाहिए।
डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सीनेटर माने जाने वाले टेड क्रुज ने भी उनके खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने कहा, अगर हम मंदी की ओर जाते हैं तो राजनीत में भी खूनी खेल शुरू हो जाएगा।
वहीं डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए यह एक दवाई है।