अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कारोबारी एलन मस्क के विरोधियों ने सरकारी नौकरियों से छंटनी, अर्थव्यवस्था, मानवाधिकार और अन्य मुद्दों पर प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ शनिवार को पूरे देश में रैली करने की योजना बनाई है।
इस कदम से ट्रंप और मस्क की मुश्किलें बढ़ गई हैं। नागरिक अधिकार संगठनों, श्रमिक संघों, एलजीबीटीक्यू प्लस, अधिवक्ताओं, पूर्व सैन्यकर्मियों और चुनाव कार्यकर्ताओं सहित 150 से अधिक समूहों द्वारा 1,200 से अधिक प्रदर्शनों की योजना बनाई गई है।
वॉशिंगटन में नेशनल मॉल, सभी 50 राज्यों की राजधानियों और अन्य स्थानों पर प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।
प्रदर्शनकारी हजारों संघीय कर्मचारियों को नौकरी से निकालने, सामाजिक सुरक्षा प्रशासन के क्षेत्रीय कार्यालयों, विभिन्न एजेंसियों को बंद करने, प्रवासियों को निर्वासित करने, ट्रांसजेंडर लोगों के लिए सुरक्षा व्यवस्था घटाने तथा स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए संघीय वित्त पोषण में कटौती करने के ट्रंप प्रशासन के कदमों की आलोचना कर रहे हैं।
टेस्ला, स्पेसएक्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के मालिक मस्क ने नव गठित सरकारी दक्षता विभाग के प्रमुख के रूप में सरकारी कर्मचारियों की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मस्क का कहना है कि वह करदाताओं के अरबों डॉलर बचा रहे हैं।
प्रदर्शनों के बारे में पूछे जाने पर, राष्ट्रपति कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का रुख स्पष्ट है: वह हमेशा पात्र लाभार्थियों के लिए सामाजिक सुरक्षा, मेडिकेयर और मेडिकेड कार्यक्रम चलाएंगे। वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं का रुख अवैध विदेशियों को सामाजिक सुरक्षा, मेडिकेड और ‘मेडिकेयर’ योजनाओं का लाभ देना है।”
आयोजकों को उम्मीद है कि शनिवार का प्रदर्शन जनवरी में ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद सबसे बड़ा होगा।
ट्रंप ने तीन देशों के साथ टैरिफ वार्ता शुरू की
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वियतनाम, भारत और इजरायल के प्रतिनिधियों के साथ आयातित वस्तुओं पर हाल ही में लगाए गए टैरिफ के संबंध में बातचीत की है।
रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि ट्रंप अलग-अलग व्यापार सौदों पर बातचीत करने के लिए देशों के प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं, जिससे अगले सप्ताह की समय-सीमा से पहले प्रस्तावित टैरिफ में नरमी लाई जा सके।
गौरतलब है कि बुधवार को, ट्रंप ने पांच अप्रैल से अमेरिका में सभी आयातों पर 10 प्रतिशत बेस टैरिफ लगाने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जबकि जिन देशों और क्षेत्रों के साथ अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापार घाटा है, उन पर उच्च, पारस्परिक टैरिफ नौ अप्रैल से लागू होंगे।