रविवार को ना करें ये गलती, जानें सूर्यदेव की पूजा का सही तरीका, इन 4 मंत्र जाप से मिलेगा लाभ…

प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):

 हमारे वैदिक पंचाग में हफ्ते के हर दिन को किसी ना किसी देवता या ग्रह से जोड़ा गया है। हर एक दिन का अपना खास महत्व है।

इसे ध्यान में रखकर पूजा-पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि लाई जा सकती है और हर एक पड़ाव को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकता है।

ज्योतिष के अनुसार रविवार सूर्यदेव और सूर्य ग्रह से जुड़ा हुआ है। हमारे हिंदू धर्मग्रंथों में भी इसकी महत्ता बताई गई है। साथ ही सुबह-सुबह नहाकर सूर्यदेव को जल चढ़ाना तो हमारी पुरानी परपंरा है।

तो चलिए जानते हैं कि आखिर सूर्यदेव को प्रसन्न करने का सबसे सही उपाय क्या है?

हमारे धर्मग्रंथों में और ज्योतिषी विद्या के अनुसार हर एक पूजा के लिए खास मंत्र जाप होते हैं जिससे प्रभाव दोगुना बढ़ जाता है।

सूर्यदेव की पूजा के वक्त जब आप जल अर्पित करें तो कुछ खास मंत्रों का जाप करना चाहिए। नीचे देखें ऐसे ही कुछ खास मंत्र जाप-

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। अनुकंपये माम भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकर:।।

अर्थ: हे सूर्यदेव प्रकाश के भंडार, पूरे संसार के स्वामी, मुझ पर अपनी कृपा बनाए रखें और मेरे द्वारा दिए जाने वाले इस अर्घ्य को स्वीकार कर लीजिए।

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्रकिरणाय। मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा:।

अर्थ: हे सूर्यदेव जो कि हजारों किरणों वाले हैं, आपसे कामना है कि मेरी सारी मनोकामना को पूरा करें।

ऊँ सूर्याय नमः।

अर्थ: सूर्यदेव को मेरी ओर से नमस्कार।

ऊँ घृणि सूर्याय नमः।

अर्थ: सूर्यदेव को नमस्कार, सूर्य की हर किरण को नमस्कार।

बता दें कि धर्मग्रंथों इन 4 मंत्रों को काफी शक्तिशाली माना गया है। रविवार के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देते वक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ इन मंत्रों का उच्चारण करें।

सूर्यदेव को अर्घ्य देने से लाभ: अगर आपकी कुंडली में सूर्य अच्छा हो तो आपको हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी। वहीं दूसरी ओर इस ग्रह के कमजोर होने से जीवन के हर पड़ाव कष्ट भरे होंगे। ऐसे में सूर्यदेव को अर्घ्य देने से धीरे-धीरे आपके कॉन्फिडेंस में इजाफा होता है और चीजें धीरे-धीरे बदलती जाती हैं।

सूर्ये देव के 21 नाम: सूर्य देवता की कृपा आप पर हमेशा बनी रहें तो इसके लिए सुबह-सुबह उनके 21 नामों को भी पढ़ लेना चाहिए। सूर्यदेव के 21 नामों में विकर्तन, विवस्वान, मार्तण्ड, श्रीमान, लोकचक्षु, गृहेश्वर, लोकसाक्षी, भास्कर, रवि, लोकप्रकाशक, त्रिलोकेश, कर्ता, हर्ता, तमिस्त्रहा, तपन, तापन, शुचि, सप्ताश्ववाहन, गभस्तिहस्त, ब्रह्मा, सर्वदेवनमस्कृत शामिल हैं।

कुछ जरूर बातें: सूर्यदेव की पूजा के वक्त कई बातों का ध्यान हमें खास तौर पर रखना चाहिए। सूर्यदेव को अर्घ्य देते वक्त हमेशा जल की धारा को ध्यान से देखना चाहिए। पूजा के वक्त तांबे के ही बर्तनों का इस्तेमाल करें। वहीं लाल चंदन और लाल फूल से ही पूजा करें। रविवार के दिन नमक और तेल खाने से बचना चाहिए। अगर इस दिन सिर्फ एक ही समय भोजन किया जाए तो ठीक रहता है। साथ ही इस दिन सेविंग नहीं करनी चाहिए और हेयरकट करवाने से भी बचना चाहिए।

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