खुद को महाराजा न समझें… सुप्रीम कोर्ट ने दंपत्ति को लगाई कड़ी फटकार, रोल्स-रॉयस का क्या है माजरा?…

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान एक दंपत्ति को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने अचरच व्यक्त करते हुए है कि लोकतंत्र के 75 साल बाद भी लोग राजशाही व्यवहार दिखा रहे हैं।

कोर्ट ने जोड़े को स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी है कि वे खुद को महाराजा ना समझें। बता दें कि कोर्ट में एक ऐसे दंपति के बीच विवाद पर सुनवाई चल रही थी जो कथित तौर पर एक शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने पति-पत्नी के वकील से कहा है कि वे पति-पत्नी से बात कर जल्द से जल्द समाधान निकालें।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, “इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं कि मध्यस्थता नहीं हो पाई? खुद को महाराजा मत समझिए। लोकतंत्र के 75 साल बीत चुके हैं।”

इस दौरान पीठ ने चेतावनी दी कि अगर मध्यस्थता के माध्यम से कोई समझौता नहीं हुआ, तो कोर्ट तीन दिनों के अंदर कठोर आदेश देने से भी नहीं हिचकेगी।

जस्टिस सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान कहा, “हम जानते हैं कि सिर्फ अहंकार की वजह से समझौता नहीं हो पाया है। अगर विवाद पैसे को लेकर है, तो अदालत इसका समाधान कर सकती है लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों को आम सहमति पर पहुंचना होगा।”

रोल्स रॉयस को लेकर घमासान

पूरा मामला राजशी घराने से जुड़ा है। ग्वालियर की रहने वाली महिला ने दावा किया है कि वह एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखती है और उसके पूर्वज छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना में एडमिरल थे और कोंकण क्षेत्र के शासक घोषित किए गए थे।

वहीं दूसरी तरफ महिला का पति सेना के अधिकारियों के परिवार से ताल्लुक रखता है और मध्य प्रदेश में एक शैक्षणिक संस्थान चलाता है।

दंपति रोल्स रॉयस को लेकर आमने-सामने आ गए। दरअसल दंपति के पास देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा बड़ौदा की तत्कालीन महारानी के लिए ऑर्डर की गई 1951 मॉडल की एक एंटीक हैंड-मेड क्लासिक रोल्स रॉयस कार है। इस मॉडल की यह इकलौती कार है और इसकी कीमत लगभग 2.5 करोड़ रुपए से भी अधिक है।

क्या है दावा

महिला ने दावा किया है कि उसका पति और उसके परिवार वाले उससे दहेज में रोल्स रॉयस कार और मुंबई में एक फ्लैट मांग कर उसे प्रताड़ित कर रहे हैं।

वहीं पति ने इन आरोप का खंडन किया है। अपनी याचिका में महिला ने कहा है कि जब उसने ये चीजें देने से इनकार कर दिया तो शख्स उन्होंने शादी से इनकार करना शुरू कर दिया और याचिकाकर्ता के खिलाफ झूठे आरोप लगाए।

वहीं पति ने महिला, उसके माता-पिता और रिश्तेदारों के खिलाफ विवाह प्रमाण पत्र वनवाने करने में धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज कराया है।

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