DMK नेता ने हिंदू धार्मिक प्रतीकों पर सवाल उठाए, नेताओं को तिलक न लगाने की सलाह दी…

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ DMK यानी द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम सांसद ए राजा ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है।

इस बार उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से तिलक जैसे हिंदू धार्मिक प्रतीकों को छोड़ने के लिए कहा है।

खबरें हैं कि डीएमके ने राजा के बयान से पल्ला झाड़ लिया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी बयान पर आपत्ति जता रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को एक जनसभा के दौरान राजा ने कहा, ‘जिन लोगों को भगवान चाहिए, उन्हें आस्था रखने दीजिए। मैं किसी को यह नहीं कह रहा हूं कि पूजा करना छोड़ दें।

हम भगवान के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जब आप तिलक और कलाई पर धागा बांधते हैं, जो संघी भी बांधते हैं तो दोनों में फर्क करना मुश्किल हो जाता है।’

उन्होंने कहा, ‘आप प्रार्थना करते हैं। आपके माता-पिता आपके माथे पर विभूति लगाते हैं। लेकिन एक बार जब आप कराई वेश्ती पहनें, तो तिलक को हटा लें। कम से कम DMK की स्टूडेंट विंग को इसका पालन करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए विचारधारा जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘बगैर विचारधारा की पार्टी के कमजोर होने का उदाहरण AIADMK है।’

रिपोर्ट के अनुसार, जब हिंदू रिलीजियस एंड चैरिटेबल एंडाउमेंट्स मंत्री पीके शेखरबाबू से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि यह पार्टी का मत नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘यह उनका निजी विचार होगा। हमारे नेता ने अब तक ऐसा नहीं कहा है।’

भाजपा भड़की

भाजपा के वरिष्ठ नेता एच राजा ने कहा, ‘क्या राजा जैसे डीएमके नेताओं में हिम्मत है कि मुसलमानों और ईसाइयों से ऐसा मांग करें।’

इधर, भाजपा प्रवक्ता एएनएस प्रसाद ने कहा कि राजा का बयान समुदायों में विभाजन के लिए जानबूझकर किया गया प्रयास है।

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