जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने दहशतगर्दों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए मई में पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकाने तबाह किए थे।
अब सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई में भारत ने अपना S-400 एयर डिफेंस सिस्टम गंवा दिया। हालांकि, जांच में सच्चाई कुछ और ही निकली है।
वायरल वीडियो में क्या
उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह के संबोधन का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसके जरिए दावा किया जा रहा है कि लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा है कि भारत ने 10 मई को चीनी मिसाइलों के जवाब में S-400 मिसाइल सिस्टम गंवा दिया। साथ ही यह कहते हुए सुना जा सकता है कि भारत अब रूस से दो एस-400 सिस्टम लेने की बात कर रहा है।
क्या है सच्चाई
PIB यानी प्रेस इंफर्मेशन ब्यूरो के अनुसार, ‘सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे एक संशोधित वीडियो में दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना के उप प्रमुख ने स्वीकार किया है कि भारत ने चीनी मिसाइलों के सामने एस-400 मिसाइल सिस्टम खो दिया है।’ PIB ने साफ किया है कि इस वीडियो के साथ डिजिटली छेड़छाड़ की गई है।
PIB ने बताया है कि वास्तविक वीडियो 4 जुलाई को आयोजित फिक्की की कॉन्फ्रेंस का है। साथ ही ब्यूरो ने ओरिजिनल वीडियो शेयर किया और बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया है।
क्या बोले सैन्य अधिकारी
उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने कहा था कि पाकिस्तान जहां सिर्फ ‘सामने का चेहरा’ था, वहीं चीन अपने सदाबहार मित्र को हरसंभव सहायता दे रहा था, और तुर्किये भी इस्लामाबाद को सैन्य साजोसामान की आपूर्ति करके प्रमुख भूमिका निभा रहा था। उन्होंने कहा कि सात से 10 मई के बीच हुए संघर्ष के दौरान भारत वास्तव में कम से कम तीन शत्रुओं से निपट रहा था।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चीन की ’36 चालों’ की प्राचीन सैन्य रणनीति और ‘दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर’ दुश्मन को मारने की रणनीति का उल्लेख करते हुए इस बात पर जोर दिया कि बीजिंग ने भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान को हरसंभव समर्थन दिया।
भारतीय सेना के क्षमता विकास और संधारण संबंधी कार्य देखने वाले उप सेना प्रमुख ने कहा कि इस्लामाबाद को बीजिंग का समर्थन आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि पाकिस्तानी सशस्त्र बलों का 81 प्रतिशत सैन्य साजोसामान चीन से आता है।