घंटों तक बाथरूम ब्रेक लेने पर चीनी इंजीनियर की नौकरी गई, कोर्ट ने क्यों कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया?…

 पूर्वी चीन में एक इंजीनियर की नौकरी चली गई क्योंकि वह बार-बार और बहुत लंबे समय तक बाथरूम ब्रेक लेता था, कुछ ब्रेक तो कई घंटों तक चलते थे, जबकि उसने दावा किया था कि उसे बवासीर की बीमारी है।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, ली नाम का यह आदमी जियांग्सू प्रांत की एक कंपनी में काम करता था और अप्रैल-मई 2024 के बीच एक महीने में 14 बार बाथरूम ब्रेक लेने के रिकॉर्ड सामने आने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया।

4 घंटे का बाथरूम ब्रेक

रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे लंबा ब्रेक चार घंटे का था। यह मामला तब सामने आया जब ली ने कंपनी पर मुकदमा कर दिया और आरोप लगाया कि उसके रोजगार कॉन्ट्रैक्ट को गैर-कानूनी तरीके से खत्म किया गया है।

ली 2010 में कंपनी में शामिल हुआ था और 2014 में एक ओपन टर्म कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू किया था। जिस काम को वह कर रहा था उसके लिए उसे उपलब्ध रहना और काम से जुड़े रिक्वेस्ट का तुरंत जवाब देना जरूरी था।

जब मैनेजरों ने उनकी बार-बार गैरमौजूदगी देखी तो उन्होंने एक चैट ऐप के जरिए संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

कॉन्ट्रैक्ट का क्या शर्तें थीं?

बाद में कंपनी ने कोर्ट में सर्विलांस फुटेज जमा किया, जिसमें ली के बाथरूम में बार-बार और लंबे समय तक जाने की बात रिकॉर्ड थी।

उसके कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों के अनुसार, बिना इजाजत के एक तय समय के लिए अपनी जगह छोड़ना गैर-हाजिरी माना जाता था और 180 दिनों के अंदर कुल तीन वर्किंग दिनों तक गैर-हाजिर रहने पर तुरंत नौकरी से निकाला जा सकता था।

कंपनी ने उसे नौकरी से निकालने से पहले लेबर यूनियन से भी मंजूरी ली थी।

कंपनी से मांगा 45 हजार डॉलर का मुआवजा

ली ने पिछले साल मई और जून में अपने पार्टनर द्वारा ऑनलाइन खरीदी गई बवासीर की दवा और इस साल जनवरी के इनपेशेंट सर्जरी रिकॉर्ड जमा करके अपना बचाव किया।

उसने तर्क दिया कि उनकी हालत की वजह से ही लंबे ब्रेक लिए और गैर-कानूनी तरीके से नौकरी से निकाले जाने के लिए 320,000 युआन या लगभग 45,000 अमेरिकी डॉलर का मुआवजा मांगा।

हालांकि, कोर्ट ने फैसला सुनाया कि ली ने बाथरूम में जितना समय बिताया, वह उनकी शारीरिक जरूरत से “बहुत ज्यादा” था। कोर्ट ने यह भी कहा कि मेडिकल रिकॉर्ड उस समय के बाद के थे जब बाथरूम ब्रेक पहले ही हो चुके थे।

ली अपने कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, कंपनी को अपनी हालत के बारे में बताने या पहले से सिक लीव के लिए अप्लाई करने में नाकाम रहा था।

कोर्ट ने ऐसे निपटाया मामला

दो सुनवाई के बाद, कोर्ट ने दोनों पक्षों के बीच समझौता करवाया और कंपनी को ली को 30,000 युआन का भत्ता देकर मामला निपटाने के लिए राजी किया, जिसमें कंपनी में उनके योगदान और बेरोजगारी की मुश्किलों को ध्यान में रखा गया।

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