धमतरी- जिले की धमतरी विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत कलारतराई के पास महानदी पर अवैध खनन का गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है।
सड़क निर्माण में लगी कंपनी एम. सिंघानिया द्वारा रात के अंधेरे में लगातार मुरूम का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। न तो पीठपास जारी किया जा रहा है और न ही विभागीय व पर्यावरणीय नियमों का पालन हो रहा।
अनुमति से अधिक मात्रा में मुरूम निकालकर शासन और ग्राम पंचायत को लाखों रुपये की रॉयल्टी का चूना लगाया जा रहा है।
यह कोई नई बात नहीं है। पहले भी इसी कंपनी ने नदी में तालाब बनाने के बहाने अवैध खनन किया था। अब यह गहरा कुआंनुमा तालाब स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा ‘एशिया का पहला तालाब’ बताकर प्रचारित किया जा रहा है।
हालांकि नदी तट में तालाब बनाने के अपने कुछ नियम होते हैं, जिन्हें ताक़ में रखकर बेतरतीब खनन किया जा रहा है।
हकीकत में यह छोटे-छोटे बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं के लिए मौत का कुआं बन चुका है।
गांव के मासूम बच्चे यहां नहाने आते हैं और गहरे पानी में डूबने का खतरा हमेशा मंडराता रहता है। मस्ती करते-करते कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है। अवैध खनन से बने ऐसे गड्ढे पहले भी कई जगहों पर बच्चों की जान ले चुके हैं।
यह वही अवैध खदान है जहां विधायक ओंकार साहू ने खुद मौके पर पहुंचकर उत्खनन रोकने के सख्त निर्देश दिए थे। लेकिन निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए खनन माफिया फिर सक्रिय हो गए।
रात्रि में मशीनों की आवाज और ट्रकों की चहल-पहल से ग्रामीण परेशान हैं, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
अवैध खनन से न केवल महानदी का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है, बल्कि नदी का बहाव प्रभावित हो रहा है। अधिक उत्खनन से नदी का तल गहरा हो गया है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
साथ ही, रॉयल्टी नहीं चुकाकर शासन को भारी राजस्व हानि भी हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि ये कुआं नुमा तालाब किसी बड़े हादसे को दस्तक दे रहा है, जल्द इस मामले में ज़िला प्रशासन समेत खनिज विभाग को कुंभकर्णीय निद्रा से जागकर ग्रामीणों के हितों की रक्षा भी कर लेनी चाहिए।
खासकर बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए इस मौत के तालाब को तुरंत भरवाया जाना चाहिए और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
धमतरी में अवैध खनन की समस्या नई नहीं है, लेकिन कलारतराई जैसे मामले प्रशासनिक नाकामी को उजागर कर रहे हैं। विधायक के निर्देशों के बावजूद खनन जारी रहना गंभीर सवाल खड़े करता है।
ग्रामीणों की मांग है कि खनिज विभाग और पुलिस द्वारा संयुक्त कार्रवाई कर इस अवैध धंधे पर लगाम लगाई जानी चाहिए, वरना मासूमों की जान की ज़िम्मेदारी प्रशासन को अपने कंधों में लेनी होगी।