सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक – छत्तीसगढ़):
धमतरी- शहर में वर्षों से बसे निम्न वर्ग के देवार बस्ती के 70-80 आदिवासी व देवार परिवारों को बेघर होने डर तब से सता रहा है, जब से धमतरी को बड़ी रेल लाइन की सौगात मिली है।
वैसे तो इस सौगात के लिए शहर समेत जिलेवासी वर्षों से इंतेज़ार में थे, जिसे अब पूरा होते देख यहां के नागरिकों में भारी खुशी और उत्साह का माहौल है।
लेकिन इसी उत्साह के बीच शहर के मध्य स्टेशनपारा औद्योगिक वार्ड में बसे उन 70-80 आदिवासी व देवार परिवारों की रातों की नींद उड़ चुकी है, जो वहां वर्षों से काबिज़ हैं, अपने झोपड़ी नुमा आशियाने में अपनी खस्ताहाल ज़िंदगी बसर कर रहे हैं इनमें कई ऐसे भी हैं जो यहां पैदा हुए पूरी जिंदगी बिताई और अब अपनी जिंदगी के आखिरी पड़ाव तक पहुंच चुके हैं, उन्हें उनके सर से फूस का छत छिनने का ख़ौफ़ सता रहा हैं।
ये लोग जीवन चलाने के लिए कोई बड़े बड़े काम नहीं करते न ही हज़ारों की इनकी कमाई है बल्कि शहर की गलियों, सड़कों में पड़े कचरे से अपना गुज़र बसर करते हैं। कहीं न कहीं शहर की साफ़ सफ़ाई में इनका सबसे बड़ा योगदान होता है।
इन्हें रेलवे विभाग से दीपावली के चंद दिन पहले ही चेतावनी दे दी गई है कि जल्द वे अपनी व्यवस्था कर लें! उनकी झुग्गी झोपड़ी हटा दी जाएगी! जिसके बाद से उनकी नींदें हराम हो चुकीं हैं। इनके परिवार में छोटे बच्चे, पुरुष, महिलाएं, बुज़ुर्ग भी हैं।
इन्हीं परिवार की महिलाएं व बच्चे बड़ी संख्या में अपने मुखिया पूर्व पार्षद अवैश हाशमी के हमराह सोमवार को कलेक्टर जनदर्शन में अपने व्यवस्थापन की गुहार लगाने पहुंची थी। उनकी मांग है कि जल्द से जल्द उनके रहने की व्यवस्था प्रशासन कर दें, हम स्टेशन पारा छोड़ देंगे।
बुज़ुर्ग महिला जोहतरीन, प्रमिला, सोनिया बाई ने बताया कि सभी परिवार मिलाकर लगभग 150 वोटर हैं जो चुनावों में अपने मताधिकार का भी प्रयोग करते आए हैं, नेता उनकी झोपड़ियों में हाथ जोड़कर वोट मांगने भी पहुंचते रहे हैं, उन नेताओं को वे सत्ता की कुर्सी तक भी पहुंचाए हैं, लेकिन अब जब उन्हें अपने मुखिया की सबसे ज़्यादा जरूरत हैं, तब सभी उनसे नज़रें फेरे हुए हैं।
एक अन्य महिला हिरोदा बाई ने बताया कि केवल अवैश भैया ही हमारे सुख दुःख में साथ निभाते आए हैं, वे पहले भी हमारे साथ कलेक्टर साहब के कार्यालय तक आए थे।
बहरहाल अपर कलेक्टर रीता यादव ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस मामले से जिलाधिकारी अबिनाश मिश्रा समेत शासन को अवगत कराया जाएगा, शासन प्रशासन के निर्देशानुसार व्यवस्थापन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
अब क्या शासन प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि उन 70-80 परिवारों के लिए कुछ कर पाएंगे! ये आने वाले समय में स्पष्ट हो पाएगा।