सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक – छत्तीसगढ़):
धमतरी- रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस आदिवासी समाज लोहरसी के तत्वाधान में बड़े धूमधाम से मनाया गया, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य कविता योगेश बाबर रहीं, कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद सदस्य प्रकाश पवार ने की।
आदिवासी समाज ने अतिथियों का स्वागत फूल मालाओं से किया तत्पश्चात गांव में बाजा गाजा के साथ कलश यात्रा निकालकर कर कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए श्रीमति बाबर ने कहा कि रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर, 1524 को बांदा जिले के कालिंजर किले में हुआ था। दुर्गाष्टमी के दिन जन्म होने के कारण उनका नाम दुर्गावती रखा गया।
वे राजा किरत सिंह चंदेल की पुत्री थी, उनका विवाह गोंड राजा दलपत शाह से हुआ था। 1550 में राजा दलपत शाह की मृत्यु के बाद, रानी दुर्गावती ने अपने पुत्र वीर नारायण के संरक्षक के रूप में गोंडवाना की बागडोर संभाली और 1564 तक सफलतापूर्वक शासन किया।
इस दौरान उन्होंने मुग़ल बादशाह अकबर की सेना का वीरतापूर्वक सामना करते हुए अपने राज्य की रक्षा की। 24 जून, 1564 को, मुगलों के खिलाफ लड़ाई में उन्होंने वीरगति प्राप्त की, रानी दुर्गावती को एक महान योद्धा और बलिदान के रूप में हमेशा याद किया जाता रहेगा।
उन्होंने मुग़ल बादशाह अकबर की विशाल सेना के ख़िलाफ़ अपने राज्य की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी, उन्होंने आत्मसमर्पण करने के बजाए युद्ध करते हुए अपने प्राणों की आहूति देना उचित समझा। वह अपनी भारतीय संस्कृति की संरक्षक व बलिदानी महिला के रूप में जानी जाती हैं। सभा को प्रकाश पवार ने भी संबोधित करते हुवे समाज जनों को बधाई दी।
इस अवसर पर ग्राम लोहरसी के गोड़ समाज के अध्यक्ष नरेश उईके, उपाध्यक्ष डिगेशवर सलाम, मिलेन्द कुमार नेताम, मोहन मरकाम, महिला अध्यक्ष सविता नेताम, पूर्व सरपंच मोनिका नेताम, मुकेश नेताम, पूर्व अध्यक्ष निरंजन नेताम,पूर्व सचिव रुपेश सलाम, दीपक उइके, लक्ष्मण कतलाम, हरि नेताम, रवि नेताम, प्रतिभा सलाम, हिरमिशी सलाम, गंगा नेताम, गीता नेताम, कविता नेताम सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे।