सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक – छत्तीसगढ़):
धमतरी- डुबान संघर्ष समिति युवा बेरोजगार संघ के बैनर तले मंगलवार को 50 से अधिक संख्या में डूब प्रभावित महिला पुरुष स्थानीय गांधी चौक से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचे, जिन्हें पुलिस ने बैरिकेट लगाकर कलेक्टर कार्यालय के बाहर ही रोक लिया, जहां वे सभी कलेक्टर अबिनाश मिश्रा से मिलकर उन्हें अपनी मांगों से अवगत कराना चाहते थे, लेकिन कलेक्टर के न मिलने से वे तपती दोपहरी में जमकर प्रदर्शन किये।
इस दौरान तहसीलदार ने उनसे अनुरोध भी किया कि 5 लोग चलकर कलेक्टर से मिलकर लें लेकिन वे सभी कलेक्टर से मिलने की जिद पर अड़े रहे।
संघ प्रमुख कुंवर सिंह ध्रुव ने बताया कि वे अपनी मांग को लेकर बीते 6 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांग लगातार नजरअंदाज की जा रही है, इसी के चलते वे कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे।
उनकी प्रमुख मांग ये है कि जिले के सभी बांधों गंगरेल, रुद्री, मुरुमसिल्ली, सोंढुर, दुधावा में तृतीय, चतुर्थ व श्रमिकों के रिक्त पदों में डुबान प्रभावित परिवारों के शिक्षित बेरोजगारों को रोज़गार दिया जाए।
कुंवर ने बताया कि जिले के सभी पांचों बांधों में रिक्त चतुर्थ श्रेणी जिनमें चौकीदार, समयपाल, गेटमैन, क्रेन ऑपरेटर, पंप ऑपरेटर, खानसामा, माली, वाहन चालक, इलेक्ट्रिशियन, हेल्पर, पंप अटेंडेंट, कुली आदि पदों में डुबान प्रभावित परिवारों के शिक्षित युवा बेरोज़गारों को नियुक्त किया जाए।
इन तमाम बाघों में पदस्थ बहुत से कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके है, जिसके चलते यहां के आवश्यक काम भी ठीक तरह से नहीं हो पा रहे हैं।
इसके अलावा जिले के सभी बांध मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं, यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या भी सुविधाओं के आभाव में लगातार घटती जा रही है।
यदि पर्यटकों को तमाम सुविधाएं मिलने लगें तो उनकी संख्या में भी इज़ाफ़ा होगा, और बांध व आसपास की सुंदरता व सुरक्षा को भी चार चांद लग जाएगा, और बेरोजगार महिला व युवाओं को रोजगार मिलने से वे आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ सकेंगे।
आगे उन्होंने बताया कि बीते दिनों भारी बारिश के चलते गंगरेल डैम के गेट खोलने तक के लिए पर्याप्त कर्मचारी नहीं थे, जिसके लिए आनन फानन में बाहर से कर्मचारी बुलाकर डैम का गेट खोला गया, यदि ये सब तय समय में न हो पता तो दिक्कत काफी बढ़ सकती थी।
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के पदाधिकारी निखिलेश दीवान ने बताया कि संघ के लोग लगातार अपनी मांग को लेकर शासन प्रशासन का दरवाज़ा खटखटा रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं की जा रही है। उनके द्वारा किया पत्राचार का जवाब भी कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से दिया जा रहा है, जो बेहद ही चिंताजनक विषय है। हालांकि संघ के सदस्यों ने कहा कि उनकी मांग जब तक पूरी नहीं होगी वे आंदोलन करते रहेंगे।