सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक – छत्तीसगढ़):
धमतरी- ज़िले का खनिज विभाग वैसे तो साल भर चर्चाओं में रहता है, ये चर्चाएं होती हैं खनिज के अवैध खनन की, वहीं बीच बीच में मामूली कार्यवाहियों की भी चर्चाएं आम होती हैं।
विभाग बड़े गर्व से कार्यवाहियों की विज्ञप्तियां मीडिया में भेजकर ये ज़ाहिर करता रहता है कि हम हैं!
इसी बीच मंगलवार यानी आज खनिज विभाग द्वारा दिलचस्प कार्यवाही की गई, जिसमें अमेठी रेत घाट में ट्रैक्टर से रेत निकलने की कथित जानकारी पर विभागीय अमला जिसमें न खनिज अधिकारी रहे, और न ही कोई इंस्पेक्टर, सिर्फ आरक्षकों द्वारा यहां पर घाट का पाट(ट्रैक्टर निकलने का रास्ता) खोद दिया गया, ताकि वहां से रेत का अवैध खनन करने वाले ट्रैक्टर गुज़र न हो सकें! इस कार्यवाही के बारे में बताना इसलिए और भी जरूरी है कि जब ये कथित कार्यवाही की
जा रही थी, उस वक़्त उस घाट में एक भी ट्रैक्टर नहीं था, जबकि आम दिनों में वहां की तस्वीर कुछ अलग होती है।
गौरतलब हो कि जहां पर खनिज विभाग की कार्यवाही की जा रही थी, वहां से चंद कदमों की दूरी पर ट्रैक्टर में रेत की अवैध लोडिंग की जा रही थी, इसके अलावा मौके से महज़ 1 किलोमीटर दूर ग्राम कलारतराई में चैन माउंटेन मशीन से हाइवा के माध्यम से मुरूम की अवैध खुदाई की जा रही है, जिसमें स्थानीय सरपंच और सड़क निर्माण के ठेकेदार मुख्य भूमिका में हैं, इसी तरह ग्राम परसुली में भी मशीन और हाइवा के माध्यम से मुरूम की अवैध खुदाई बीते 10 दिनों से जारी है, लेकिन अफसोस, उधर कार्यवाही के नाम पर कुछ भी नहीं!
अवैध मुरूम पर कार्यवाही के लिए हम सक्षम नहीं हैं: खनिज विभाग दल!
जानकारी मिली है कि जब इस बारे में खनिज विभाग के आरक्षकों को अवगत भी कराया गया तो उनका कहना है कि ये मामला बड़े स्तर का है, यहां हम कार्यवाही के लिए सक्षम नहीं हैं। बता दें कि नदी तट से अवैध मुरूम का जो खेल चल रहा है उसमें जानकारी मिली है कि जिले एक बड़े अधिकारी के मौखिक आदेश को आधार मानकर ये सब किया जा रहा है!
अब बड़ा सवाल ये है कि क्या ऐसी ही कार्यवाहियां मीडिया में सुर्खियों में रहेंगी? क्या कोई अधिकारी मौखिक आदेश देकर इस से तरह के अवैध कामों बढ़ावा दे सकता है?