देश में चल रहे राजनीतिक संकट और ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच कनाडा ने देश में समय से पहले चुनाव कराने की घोषणा की है।
हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में समय से सात महीने पहले चुनाव कराने का फैसला लिया गया है और अब आगामी 28 अप्रैल को आम चुनाव आयोजित किए जाएंगे।
इस बीच कनाडा ने भारत पर बड़ा आरोप लगा दिया है। कनाडा की खुफिया एजेंसी ने सोमवार को दावा किया है कि भारत अप्रैल में होने वाले चुनाव में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर सकते हैं।
इतना ही नहीं कनाडा ने चीन, रूस और पाकिस्तान को भी लपेटे में लिया है। खुफिया विभाग के मुताबिक ये देश चुनाव में हस्तक्षेप का इरादा रखते हैं।
सोमवार को कनाडाई कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) की एक अधिकारी ने कहा है कि शत्रु देश चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी तकनीकों का सहारा ले रहे हैं।
ल्योड ने कहा, “चीन चुनाव में कनाडा की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए AI का इस्तेमाल कर सकता है।” उन्होंने आगे कहा, “हमने यह भी देखा है कि भारत सरकार कनाडा की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में दखलंदाजी करने का इरादा और क्षमता रखती है।”
इन आरोपों पर भारत की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कनाडा की यह टिप्पणी यह ऐसे समय में आई है जब बीते कुछ महीनों में भारत और कनाडा के रिश्ते सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।
खालिस्तानियों को पनाह देने के लिए बदनाम कनाडा ने पहले भी इस तरह के आरोप भारत पर लगाए हैं।
इससे पहले देश के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय अधिकारियों के संलिप्तता के आरोप लगाकर बखेड़ा खड़ा किया था। हालांकि कनाडा इन आरोपों को कभी सिद्ध नहीं कर पाया।