ईरान में दो दिन पहले ब्लास्ट ने ले लीं 40 जानें, अब भी धधक रही आग; इजरायली साजिश का शक…

ईरान के सबसे बड़े बंदरगाह बंदर अब्बास में दो दिन पहले हुए भीषण विस्फोट ने 40 लोगों की जान ले ली है और 1000 से अधिक घायल हो गए हैं।

विस्फोट की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आग दो दिन बाद भी जल रही है और रेस्क्यू कर्मी आग बुझाने का प्रयास कर रहे हैं।

इस बीच ईरानी सांसद मोहम्मद सिराज ने हमले के पीछे इजरायल का हाथ होने का आरोप लगाया है।

सिराज ने दावा किया कि यह विस्फोट साजिशन किया गया हमला था और इसमें इजरायली एजेंसियों का हाथ है। उधर, सरकार ने प्रांत में तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है।

ईरानी सांसद सिराज ने एक साक्षात्कार में कहा, “यह कोई हादसा नहीं था। हमारे पास स्पष्ट सबूत हैं कि इजरायल इस विस्फोट में शामिल है। कंटेनरों में पहले से विस्फोटक लगाए गए थे।”

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि इसमें आंतरिक गुटों की भी भूमिका हो सकती है।

सिराज के अनुसार, विस्फोट चार अलग-अलग स्थानों पर हुआ, जो साजिश की ओर इशारा करता है। हालांकि उन्होंने अपने दावों के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया।

वहीं दूसरी ओर, इजरायली अधिकारियों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और इजरायली की सरकार ने फिलहाल इस विषय पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अब भी धधक रही आग

टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को हुए धमाके के बाद से बंदरगाह क्षेत्र में आग पूरी तरह से बुझाई नहीं जा सकी है।

राहत और बचाव दल मलबे के नीचे दबे शवों को निकालने और आग पर काबू पाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। हेलीकॉप्टर और भारी विमान लगातार समुद्री पानी गिराकर आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं।

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने रविवार को घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया और घायलों से मुलाकात कर कहा, “हमें सच का पता लगाना होगा कि यह दुर्घटना कैसे हुई।”

विस्फोट का कारण अभी भी रहस्य

विस्फोट का कारण रहस्य बना हुआ है, जहां कुछ रिपोर्टों में रासायनिक पदार्थ जैसे सोडियम परक्लोरेट के विस्फोट की आशंका जताई जा रही है, वहीं ईरानी रक्षा मंत्रालय ने किसी भी प्रकार की सैन्य सामग्री के मौजूद होने से इनकार किया है।

अधिकारियों ने कहा है कि जांच पूरी होने पर विस्तृत जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।

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