भारत के भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी पर बेल्जियम सरकार कड़ी नजर रख रही है।
चोकसी पर भारत में 13,850 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले का आरोप है, जो पंजाब नेशनल बैंक से जुड़ा हुआ है।
इस बीच, एंटीगुआ और बारबुडा की सरकार ने पुष्टि की है कि चोकसी चिकित्सा उपचार के लिए देश से बाहर गया है, लेकिन वह अब भी एंटीगुआ का नागरिक बना हुआ है।
बेल्जियम के फेडरल पब्लिक सर्विस (FPS) विदेश मामलों के प्रवक्ता और सोशल मीडिया एवं प्रेस सेवा प्रमुख डेविड जोर्डेन्स ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले को गंभीरता से देख रही है।
उन्होंने कहा, “मैं पुष्टि कर सकता हूं कि FPS का विदेश विभाग इस मामले से अवगत है और इसे अत्यधिक महत्व देता है। हालांकि, हम व्यक्तिगत मामलों पर टिप्पणी नहीं करते। यह मामला FPS न्याय विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है।”
बेल्जियम में रह रहा चोकसी?
कैरेबियाई क्षेत्र को कवर करने वाले समाचार पोर्टल ‘एसोसिएटेड टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, चोकसी फिलहाल बेल्जियम के एंटवर्प शहर में अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहा है और उसने वहां का रहवासी कार्ड हासिल कर लिया है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चोकसी ने बेल्जियम में निवास आवेदन के दौरान झूठे दस्तावेज पेश किए और अपनी भारतीय व एंटीगुआ की नागरिकता की जानकारी छिपाई।
एंटीगुआ सरकार की प्रतिक्रिया
एंटीगुआ और बारबुडा के विदेश मंत्री ई. पी. चेट ग्रीन ने चोकसी के देश छोड़ने की पुष्टि करते हुए कहा, “मुझे बताया गया है कि मेहुल चोकसी चिकित्सा उपचार के लिए विदेश गया है।
वह अभी भी एंटीगुआ और बारबुडा का नागरिक है। आपकी सरकार और हमारी सरकार इस मामले पर मिलकर काम कर रही हैं।
हमारे दोनों देशों में लोकतांत्रिक परंपराएं हैं और हम कानून के शासन का सम्मान करते हैं। यह मामला कानूनी समीक्षा के अधीन है, जब तक अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, इस पर कुछ भी कहना संभव नहीं है।”
भारत-बेल्जियम सहयोग पर सवाल
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारत ने बेल्जियम सरकार से चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया है, हालांकि इस संबंध में भारतीय अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चोकसी जल्द ही स्विट्जरलैंड के एक कैंसर अस्पताल में इलाज के लिए जाने की योजना बना रहा है।
गौरतलब है कि मेहुल चोकसी, अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ, पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में वांटेड है और भारत सरकार कई वर्षों से उसके प्रत्यर्पण के प्रयास कर रही है।
अब यह देखना होगा कि बेल्जियम, एंटीगुआ और भारत की सरकारें इस मामले को लेकर क्या कदम उठाती हैं।