डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने दुनिया की शीर्ष न्यूज एजेंसियों एपी, रॉयटर्स समेत कई संस्थानों की वाइट हाउस में एंट्री पर रोक लगा दी है।
राष्ट्रपति ट्रंप की बुधवार को कैबिनेट मीटिंग थी, जिसमें इन एजेंसियों के रिपोर्टरों को एंट्री नहीं दी गई। कैबिनेट मीटिंग कवर करने पहुंचे एपी के फोटोग्राफर, रॉयटर्स के तीन रिपोर्टरों को अंदर नहीं जाने दिया गया।
इसके अलावा हफिंगटन पोस्ट और एक जर्मन अखबार को भी प्रवेश नहीं करने दिया गया। हालांकि इस दौरान पहुंचे एबीसी न्यूज, न्यूजमैक्स, द ब्लेज, एनपीआर जैसे मीडिया संस्थानों के रिपोर्टरों को कवरेज से नहीं रोका गया। वे पहले की तरह ही अंदर चले गए और उन्हें स्टाफ की ओर से रोका नहीं गया।
इस तरह के ऐक्शन पर रॉयटर्स, एपी और ब्लूमबर्ग ने साझा बयान जारी किया है और डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के फैसले को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है।
तीनों ने अपने साझा बयान में कहा, ‘वाइट हाउस पूल में ब्लूमबर्ग, एपी और रॉयटर्स स्थायी तौर पर शामिल रहे हैं। हमने लंबे समय से यह ध्यान रखा है कि दुनिया भर में सटीक जानकारी पहुंचे और उसमें किसी तरह का राजनीतिक घालमेल न रहे।
अमेरिका और दुनिया भर की ऑडियंस हमें पढ़ती रही है। स्थानीय स्तर पर तमाम मीडिया संस्थान हमारे ही वायर का प्रयोग करते रहे हैं।’ आगे तीनों ने लिखा कि जनता के लिए लोकतंत्र में यह जरूरी है कि उन्हें फ्री प्रेस के माध्यम से सरकार के बारे में जानकारी मिले।
तीनों संस्थानों ने लिखा, ‘हम मानते हैं कि राष्ट्रपति से जुड़े आयोजनों में मीडिया पर रोक लगाना गलत है और लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी के सिद्धांत को खतरा है।
इससे जनता, समुदाय, कारोबार, वैश्विक वित्तीय बाजारों के समक्ष पहुंचने वाली सटीक सूचना भी बाधित होती है। जो सही जानकारी के लिए हमारे ऊपर लंबे समय से निर्भर रहे हैं।’ बता दें कि कुछ मीडिया संस्थानों पर डोनाल्ड ट्रंप सीधे तौर पर हमला बोलते रहे हैं।
यही नहीं सत्ता में आने से पहले ही उन्होंने कहा था कि मैं राष्ट्रपति बना तो इनकी वाइट हाउस में एंट्री पर बैन लगाऊंगा। इस संबंध में मंगलवार को ही आदेश जारी किया गया और फिर बुधवार को पत्रकारों को रोक दिया गया। ये पत्रकार डोनाल्ड ट्रंप की पहली कैबिनेट मीटिंग को कवर करने पहुंचे थे।