राज्य बाल संरक्षण आयोग के सुनवाई के दौरान एक ऐसा मार्मिक दृश्य सामने आया, जाने क्या है पूरा मामला…

रायपुर: राज्य बाल संरक्षण आयोग की नियमित सुनवाई के दौरान एक ऐसा मार्मिक दृश्य सामने आया, जिसने सभी को भावुक कर दिया। ग्राम खपरी निवासी संध्या नवरंग ने आवेदन प्रस्तुत किया कि उनकी 8 वर्षीय बेटी निकिता का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है, क्योंकि उसके पिता गजेंद्र नवरंग, जो विवाह के कुछ महीनों बाद से ही अलग रह रहे हैं, आवश्यक दस्तावेज देने में सहयोग नहीं कर रहे। इससे बच्ची की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी।

आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे पंजीकृत किया और थाना प्रभारी, मुझगहन के माध्यम से गजेंद्र को नोटिस जारी कर उपस्थित होने का निर्देश दिया। 3 मार्च 2025 को गजेंद्र अपने अधिवक्ता के साथ सभी दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि लेकर आयोग के समक्ष पेश हुआ।

सुनवाई के दौरान, पीठासीन सदस्य सोनल गुप्ता ने गजेंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि एक पिता होते हुए भी वह अपनी बच्ची की जरूरतों को क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पति-पत्नी के आपसी विवाद के कारण बच्चों के अधिकारों का हनन आयोग को स्वीकार नहीं होगा।

जब गजेंद्र ने स्वीकार किया कि उसने अब तक अपनी बेटी से कभी मुलाकात नहीं की, तो आयोग चकित रह गया। सोनल गुप्ता ने उसे पिता के कर्तव्यों का महत्व समझाया और अपनी जिम्मेदारी निभाने की सख्त हिदायत दी। इसके बाद, गजेंद्र को अपनी बेटी से फोन पर बात करने के लिए कहा गया।

यह क्षण अत्यंत भावनात्मक था। जब गजेंद्र ने कहा, “मैं तेरा पापा बोल रहा हूं,” तो निकिता एक पल के लिए स्तब्ध रह गई। पहली बार अपने पिता की आवाज सुनकर वह चुप हो गई और फिर धीरे से बोली, “पापा, मेरा जाति प्रमाण पत्र बनवा दो, स्कूल में मैडम मुझे बहुत डांटती हैं।”

गजेंद्र ने आश्वासन दिया कि वह होली पर मिलने आएगा। इस पर मासूमियत से निकिता ने कहा, “पापा, मेरे लिए अच्छे-अच्छे कपड़े और बहुत सारा पैसा लाना।”

इस दृश्य ने आयोग के सभी सदस्यों की आंखें नम कर दींरबजाय उसे ईमानदारी से निभाने की हिदायत दी।

इस समय पिता गजेंद्र के फोन से बेटी को फोन लगवाया और सोनल गुप्ता ने बच्ची निकिता से कहा कि अपना पापा से बात करोगी वह दृश्य आयोग में अविस्मरणी था, जब गजेंद्र बच्ची को बोला कि मैं तेरा पापा बोल रहा हूं तुम बच्ची शांत हो गई कुछ समझ ही नहीं पाई क्योंकि उसने जीवन में पहली बार अपने पिता की आवाज सुनी और उससे बात करी थी।

कहने लगी पापा मेरा जाति प्रमाण पत्र बनवा दो स्कूल में मैडम मुझे बहुत डांटती है, गजेंद्र बोला कि मैं होली त्योहार में तेरे से मिलने आऊंगा तुम बच्ची बड़े प्यार से लड़खड़ाती आवाज में बोली मेरे को बहुत सारा पैसा लाना पापा और जल्दी आना और अच्छा-अच्छा कपड़ा लाना, यह घटनाक्रम देखने वाले सभी की आंखें नम हो गई।

पिता सिंह सदस्य सोनल गुप्ता ने पिता पुत्री की फोन की वार्तालाप को वीडियो में रिकॉर्ड किया और कहां की माता-पिता के आपसी विवाद और सामंजस के अभाव में अबोध बच्चे किस तरीके से पीसे जाते हैं इसका जीता जाता उदाहरण था या प्रकरण। आज बाल आयोग के प्रयास से एक बच्ची को उसका पिता मिल पाया योर प्रकरण प्रयोग परिसर में चर्चा का विषय था।

सभी ने बाल आयोग के सदस्य सोनल गुप्ता की सामाजिक में किए गए महत्वपूर्ण प्रयास की सराहना और प्रशंसा करी यह किस्सा आयोग के इतिहास में सदैव स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा।

पीठासीन सदस्य सोनल गुप्ता ने इस वार्तालाप को रिकॉर्ड कर आयोग के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना बताया। यह मामला इस बात का प्रमाण बना कि माता-पिता के आपसी विवाद के कारण बच्चे कितने प्रभावित होते हैं।

आयोग के प्रयासों से निकिता को पहली बार अपने पिता से मिलने और बात करने का अवसर मिला, जो सभी के लिए एक यादगार क्षण बन गया।

रबजाय उसे ईमानदारी से निभाने की हिदायत दी और इस समय पिता गजेंद्र के फोन से बेटी को फोन लगवाया और सोनल गुप्ता ने बच्ची निकिता से कहा कि अपना पापा से बात करोगी वह दृश्य आयोग में अविस्मरणी था, जब गजेंद्र बच्ची को बोला कि मैं तेरा पापा बोल रहा हूं तुम बच्ची शांत हो गई कुछ समझ ही नहीं पाई क्योंकि उसने जीवन में पहली बार अपने पिता की आवाज सुनी और उससे बात करी थीरबजाय उसे ईमानदारी से निभाने की हिदायत दीरबजाय उसे ईमानदारी से निभाने की हिदायत दी।

इस समय पिता गजेंद्र के फोन से बेटी को फोन लगवाया और सोनल गुप्ता ने बच्ची निकिता से कहा कि अपना पापा से बात करोगी वह दृश्य आयोग में अविस्मरणी था, जब गजेंद्र बच्ची को बोला कि मैं तेरा पापा बोल रहा हूं तुम बच्ची शांत हो गई कुछ समझ ही नहीं पाई क्योंकि उसने जीवन में पहली बार अपने पिता की आवाज सुनी और उससे बात करी थी।

और कहने लगी पापा मेरा जाति प्रमाण पत्र बनवा दो स्कूल में मैडम मुझे बहुत डांटती है, गजेंद्र बोला कि मैं होली त्योहार में तेरे से मिलने आऊंगा तुम बच्ची बड़े प्यार से लड़खड़ाती आवाज में बोली मेरे को बहुत सारा पैसा लाना पापा और जल्दी आना और अच्छा-अच्छा कपड़ा लाना ।

यह घटनाक्रम देखने वाले सभी की आंखें नम हो गई. पिता सिंह सदस्य सोनल गुप्ता ने पिता पुत्री की फोन की वार्तालाप को वीडियो में रिकॉर्ड किया और कहां की माता-पिता के आपसी विवाद और सामंजस के अभाव में अबोध बच्चे किस तरीके से पीसे जाते हैं इसका जीता जाता उदाहरण था या प्रकरण. आज बाल आयोग के प्रयास से एक बच्ची को उसका पिता मिल पाया योर प्रकरण प्रयोग परिसर में चर्चा का विषय था।

सभी ने बाल आयोग के सदस्य सोनल गुप्ता की सामाजिक में किए गए महत्वपूर्ण प्रयास की सराहना और प्रशंसा करी यह किस्सा आयोग के इतिहास में सदैव स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा।

इस समय पिता गजेंद्र के फोन से बेटी को फोन लगवाया।

सोनल गुप्ता ने बच्ची निकिता से कहा कि अपना पापा से बात करोगी वह दृश्य आयोग में अविस्मरणी था, जब गजेंद्र बच्ची को बोला कि मैं तेरा पापा बोल रहा हूं तुम बच्ची शांत हो गई कुछ समझ ही नहीं पाई क्योंकि उसने जीवन में पहली बार अपने पिता की आवाज सुनी और उससे बात करी थी।

कहने लगी पापा मेरा जाति प्रमाण पत्र बनवा दो स्कूल में मैडम मुझे बहुत डांटती है।

गजेंद्र बोला कि मैं होली त्योहार में तेरे से मिलने आऊंगा तुम बच्ची बड़े प्यार से लड़खड़ाती आवाज में बोली मेरे को बहुत सारा पैसा लाना पापा और जल्दी आना और अच्छा-अच्छा कपड़ा लाना

.यह घटनाक्रम देखने वाले सभी की आंखें नम हो गई, पिता सिंह सदस्य सोनल गुप्ता ने पिता पुत्री की फोन की वार्तालाप को वीडियो में रिकॉर्ड किया

कहां की माता-पिता के आपसी विवाद और सामंजस के अभाव में अबोध बच्चे किस तरीके से पीसे जाते हैं इसका जीता जाता उदाहरण था या प्रकरण

आज बाल आयोग के प्रयास से एक बच्ची को उसका पिता मिल पाया योर प्रकरण प्रयोग परिसर में चर्चा का विषय था।

सभी ने बाल आयोग के सदस्य सोनल गुप्ता की सामाजिक में किए गए महत्वपूर्ण प्रयास की सराहना और प्रशंसा करी यह किस्सा आयोग के इतिहास में सदैव स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा

और कहने लगी पापा मेरा जाति प्रमाण पत्र बनवा दो स्कूल में मैडम मुझे बहुत डांटती है, गजेंद्र बोला कि मैं होली त्योहार में तेरे से मिलने आऊंगा तुम बच्ची बड़े प्यार से लड़खड़ाती आवाज में बोली मेरे को बहुत सारा पैसा लाना पापा और जल्दी आना और अच्छा-अच्छा कपड़ा लाना,यह घटनाक्रम देखने वाले सभी की आंखें नम हो गई।

पिता सिंह सदस्य सोनल गुप्ता ने पिता पुत्री की फोन की वार्तालाप को वीडियो में रिकॉर्ड किया और कहां की माता-पिता के आपसी विवाद और सामंजस के अभाव में अबोध बच्चे किस तरीके से पीसे जाते हैं इसका जीता जाता उदाहरण था या प्रकरण।

आज बाल आयोग के प्रयास से एक बच्ची को उसका पिता मिल पाया योर प्रकरण प्रयोग परिसर में चर्चा का विषय था।

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