अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ को लेकर दी गई 2 अप्रैल की समय सीमा से पहले एक अमेरिकी टीम भारत पहुंची है।
यह टीम ट्रंप प्रशासन के साथ व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने के लिए भारतीय अधिकारियों के साथ अहम बैठक करेगी। बैठक बुधवार, 26 मार्च से शुरू होने वाली है।
रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के बीच सितंबर-अक्टूबर तक व्यापार समझौते के पहले हिस्से को पूरा करने पर चर्चा होगी।
ट्रंप ने हाल ही में भारत पर आयात शुल्क बढ़ाने की धमकी दी थी, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। अमेरिकी टीम का लक्ष्य आपसी व्यापारिक मुद्दों को सुलझाना और टैरिफ विवाद को कम करना है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस वार्ता में समझौते की रूपरेखा और समय-सीमा को तय किया जाएगा, जो दो चरणों में लागू किया जाने की संभावना है।
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के सहायक प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक टीम भारतीय वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल के साथ बैठक करेगी। इस वार्ता का उद्देश्य सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करना है।
पहले चरण में टैरिफ कटौती पर जोर
हालांकि वार्ता अभी प्रारंभिक दौर में है, लेकिन पहले चरण में दोनों देशों द्वारा शुल्क (टैरिफ) में कटौती पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारतीय बाजार में लग्जरी कारों, इलेक्ट्रिक वाहनों, व्हिस्की और कृषि उत्पादों पर टैरिफ घटाने का दबाव बना रहे हैं।
इस सप्ताह के अंत तक, जब तीन दिवसीय वार्ता समाप्त होगी, तब इस पर अधिक स्पष्टता आने की उम्मीद है। ट्रंप 2 अप्रैल से “जवाबी टैरिफ” लगाने की समयसीमा तय कर चुके हैं, जिसे वे अब ‘मुक्ति दिवस’ कह रहे हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका वार्ता के दौरान टैरिफ बढ़ाएगा या नहीं।
व्यापार और निवेश बढ़ाने पर जोर
अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम भारत सरकार के साथ व्यापार और निवेश मामलों पर चल रही बातचीत को महत्व देते हैं और इन चर्चाओं को रचनात्मक, न्यायसंगत और दूरगामी दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ाने की उम्मीद करते हैं।” भारतीय अधिकारी इस समझौते से होने वाले लाभों पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन एक अधिकारी ने कहा कि यह व्यापार समझौता टैरिफ और नियमों में स्थिरता लाएगा और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा, “एक मजबूत व्यापार समझौता द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के लिए नई संभावनाएं खोल सकता है।”
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय व्यापार वार्ता शुरू करने और 2030 तक व्यापार को 500 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य तय किया था।
सप्लाई चेन को मजबूत करने की कोशिश
सरकारी बयान में कहा गया, “दोनों देशों के नेताओं द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार, भारत अमेरिका के साथ व्यापार और आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। यह सहयोग दोनों देशों की समृद्धि और नवाचार को बढ़ावा देने और आपूर्ति श्रृंखला के एकीकरण को गहरा करने में सहायक होगा।
हम अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ उपयोगी और रचनात्मक चर्चा की उम्मीद करते हैं, ताकि हमारे द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को पारस्परिक रूप से लाभकारी तरीके से बढ़ाया जा सके।”
अब तक बातचीत वर्चुअल माध्यम से हो रही थी, लेकिन यह पहली बार होगा जब अधिकारी आमने-सामने बैठकर इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। हालांकि, औपचारिक वार्ता तभी शुरू होगी जब इस सप्ताह वार्ता की रूपरेखा और प्रक्रिया पर सहमति बन जाएगी।