अमेरिका ने घटाया रक्षा बजट, चीन ने किया इजाफा; कहा – शांति बनाए रखने के लिए शक्ति जरूरी…

डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा शासन में आने के बाद से अमेरिका लगातार अपने खर्च में कटौती कर रहा है। लोगों को सरकारी नौकरी से निकाल रहा है।

दूसरे देशों को मिल रहे फंड पर रोक लग रहा है। इसके लिए एलन मस्क की अगुआई में DOGE की स्थापना की गई है।

वहीं, चीन ने अपने रक्षा बजट को इस साल भी 7.2 प्रतिशत बढ़ाया है। यह बढ़ोतरी पिछले साल के बराबर है। शी जिनपिंग की सरकार ने यह बजट चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस में पेश किया है।

पेंटागन और कई विशेषज्ञों का कहना है कि इसके साथ ही रक्षा क्षेत्र में चीन का कुल खर्च 40% या उससे भी अधिक हो सकता है।

आपको बता दें कि पिछले साल भी चीन ने इसी पैमाने पर रक्षा बजट बढ़ाया था। हालांकि, इससे पहले के कुछ वर्षों में डबल डिजिट में यह वृद्धि होती रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह चीन की आर्थिक वृद्धि में आई सुस्ती को भी दर्शाती है। इस साल के लिए लगभग 5% आर्थिक विकास का लक्ष्य रखा गया है।

इस सबके बावजूद, चीन का रक्षा बजट अभी भी अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है और इसके पास पहले ही दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है।

अमेरिका तकरार के बीच बढ़ाया रक्षा बजट

अमेरिका, ताइवान, जापान और दक्षिण चीन सागर पर क्षेत्रीय दावों को लेकर चीन के पड़ोसियों के साथ बढ़ते तनाव को लेकर चीन के रक्षा खर्च में वृद्धि देखी जा रही है।

इन तनावों के बीच चीन का सैन्य खर्च उन्नत और अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकियों पर बढ़ रहा है, जिनमें स्टील्थ फाइटर, विमानवाहक पोत और परमाणु हथियार शामिल हैं।

इससे पहले चीन ने मंगलवार को अपना रक्षा बजट बढ़ाने का संकेत देते हुए कहा कि शांति और संप्रभुता की सिर्फ ताकत से रक्षा की जा सकती है।

पिछले साल चीन ने अपने रक्षा बजट को 7.2 प्रतिशत बढ़ाकर लगभग 232 अरब अमेरिकी डॉलर (1.67 ट्रिलियन युआन) कर दिया था जो कि भारत के बजट से तीन गुना से अधिक है। चीन अपने सभी सशस्त्र बलों का बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण करने का काम जारी रखे हुए है।

शांति की रक्षा के लिए ताकत जरूरी

चीन के रक्षा बजट के आंकड़ों को उसके द्वारा विमानवाहक पोतों के निर्माण, उन्नत नौसैनिक जहाजों और आधुनिक स्टील्थ विमानों के तेजी से निर्माण सहित बड़े पैमाने पर सैन्य आधुनिकीकरण के मद्देनजर संदेह की दृष्टि से देखा जाता है।

खर्च का बचाव करते हुए नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के प्रवक्ता लू किनजियान ने यहां मीडिया से कहा कि ‘‘शांति की रक्षा के लिए ताकत जरूरी है।’’

उन्होंने कहा कि मजबूत राष्ट्रीय रक्षा क्षमताओं के साथ, चीन अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास से जुड़े हितों की बेहतर ढंग से रक्षा कर सकता है, एक प्रमुख देश के रूप में अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभा सकता है और विश्व शांति और स्थिरता की रक्षा कर सकता है।

उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में चीन का रक्षा व्यय वैश्विक औसत से कम है। वर्ष 2016 से चीन के वार्षिक रक्षा खर्च में लगातार नौ वर्षों से एकल अंक में वृद्धि हो रही है।

उन्होंने कहा कि चीन का रक्षा खर्च जीडीपी के हिस्से के रूप में पिछले कई सालों से डेढ़ फीसदी से कम रहा है।

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