सिर्फ 1 सेकंड में बंद हो गया था एयर इंडिया विमान का ईंधन, दूसरे इंजन में लौटी थी ताकत, लेकिन फिर भी…

भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी कर दी है।

रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं। इस हादसे में बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भर रहा था।

यह विमान टेकऑफ के 32 सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित 260 लोगों की मौत हो गई, जबकि जमीन पर 19 लोगों ने भी अपनी जान गंवाई।

ईंधन कटऑफ स्विच का रहस्य

AAIB की 15 पेज की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, विमान के टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजनों के ईंधन कटऑफ स्विच एक के बाद एक, महज एक सेकंड के अंतराल में ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ स्थिति में चले गए।

इससे दोनों इंजनों में ईंधन की सप्लाई बंद हो गई, जिसके चलते विमान की स्पीड और ऊंचाई तेजी से कम होने लगी। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) के अनुसार, एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “तुमने ईंधन कटऑफ क्यों किया?” जिसका जवाब दूसरे पायलट ने दिया, “मैंने नहीं किया।” यह संवाद इस रहस्य को और गहरा करता है कि स्विच कैसे और क्यों बंद हुए।

इंजन में लौटी थी जान, लेकिन नाकाम रही कोशिश

रिपोर्ट में बताया गया है कि ईंधन कटऑफ स्विच के बंद होने के लगभग 10 सेकंड बाद, पायलटों ने स्विच को वापस ‘RUN’ स्थिति में लाने की कोशिश की।

इसके परिणामस्वरूप इंजन 1 का कोर डिसेलेरेशन रुक गया और वह रिकवरी की ओर बढ़ने लगा। इंजन 2 भी रीलाइट हुआ, लेकिन वह विमान की गति को कम होने से नहीं रोक सका।

विमान ने अधिकतम 180 नॉट्स की स्पीड हासिल की थी, लेकिन ईंधन कटऑफ के बाद यह तेजी से गिरा और 625 फीट की ऊंचाई से अधिक नहीं जा सका।

भारतीय समयानुसार दोपहर 13:39 पर, टेकऑफ के 32 सेकंड बाद, विमान ने मेडे कॉल किया और बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

कोई तकनीकी खराबी नहीं, मानवीय कारक पर जांच

प्रारंभिक रिपोर्ट में यह साफ किया गया है कि बोइंग 787-8 और इसके GE GEnx-1B इंजनों में कोई यांत्रिक या सिस्टमिक खराबी नहीं पाई गई।

रखरखाव रिकॉर्ड के अनुसार, विमान के थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल को 2019 और 2023 में बदला गया था, लेकिन इसका ईंधन कटऑफ स्विच से कोई संबंध नहीं था।

2018 में अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने ईंधन कटऑफ स्विच के लॉकिंग मैकेनिज्म के संभावित डिसएंगेजमेंट के बारे में एक विशेष एयरवर्थनेस इंफॉर्मेशन बुलेटिन (SAIB) जारी किया था, लेकिन यह केवल एडवायजरी थी और एयर इंडिया ने इसकी जांच नहीं की थी।

क्या थी वजह?

जांचकर्ता अब इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि ईंधन कटऑफ स्विच क्यों और कैसे बंद हुए। क्या यह मानवीय भूल थी, तकनीकी गड़बड़ी थी, या जानबूझकर की गई कार्रवाई? कॉकपिट में मौजूद पायलटों के कार्यों और कॉकपिट डायनामिक्स की गहन जांच की जा रही है। इसके अलावा, थ्रॉटल क्वाड्रंट और ईंधन कटऑफ स्विच के डिजाइन में संभावित कमियों की भी जांच हो रही है।

ब्लैक बॉक्स और जांच की प्रक्रिया

हादसे के बाद, विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर बरामद किए गए थे। फॉरवर्ड इंजन एंड एयरक्राफ्ट फ्लाइट रिकॉर्डर (EAFR) से 49 घंटे का डेटा और 2 घंटे का ऑडियो सफलतापूर्वक डाउनलोड किया गया, लेकिन आफ्ट EAFR को भारी नुकसान के कारण डेटा प्राप्त नहीं हो सका। डेटा डाउनलोड के लिए अमेरिका से विशेष उपकरण मंगवाए गए थे, जो 23 जून को दिल्ली पहुंचे।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अगले कदम

जांच में अमेरिका के NTSB, बोइंग, GE, FAA, और ब्रिटेन, पुर्तगाल, और कनाडा के विशेषज्ञ शामिल हैं, क्योंकि हादसे में कई विदेशी नागरिकों की भी मौत हुई थी। AAIB ने अभी तक बोइंग 787-8 या GE GEnx-1B इंजन ऑपरेटरों के लिए कोई सुरक्षा सिफारिशें जारी नहीं की हैं।

जांच दल अब अतिरिक्त सबूतों, जैसे मलबे, ईंधन नमूनों, और गवाहों के बयानों की जांच करेगा। अंतिम रिपोर्ट में हादसे के कारणों और सुरक्षा सिफारिशों का विस्तृत विश्लेषण होगा जो अगले कुछ महीनों में आने की उम्मीद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *