अहमदाबाद में एअर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से जहां पूरा देश स्तब्ध है।
वहीं, इस दुर्घटना ने एक पुराना जख्म ताजा कर दिया है। यह जख्म मिला था महाराष्ट्र में परभणी के निवासी वसंत चव्हाण को। 32 साल पहले हुए उस विमान हादसे में 55 लोगों की जान चली गई थी।
परभणी के पूर्व महापौर वसंत चव्हाण उस हादसे में जिंदा बच गए थे। वसंत चव्हाण ने एक समाचार चैनल को बताया कि आखिर वह इस हादसे में कैसे बच गए थे।
गौरतलब है कि अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई है। इसमें विमान में सवार 241 यात्री काल के गाल में समा गए। वहीं, एक व्यक्ति जिंदा बचा है।
बताया कैसे बची थी जान
वसंत चव्हाण ने एक समाचार चैनल को बताया कि वह 1993 में हुई त्रासदी में इसलिए बच गए थे, क्योंकि वह कॉकपिट के पास बैठे थे, न कि पीछे के हिस्से में जहां ईंधन टैंक था।
चव्हाण इंडियन एयरलाइंस के उस विमान में सवार थे, जिसने 26 अप्रैल 1993 को तत्कालीन औरंगाबाद जिले (अब छत्रपति संभाजीनगर) के चिकलठाणा हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी।
औरंगाबाद-मुंबई उड़ान 491 का लैंडिंग गियर रनवे के अंत में उड़ान भरते समय सड़क पर एक ट्रक से टकरा गया।
इसके बाद एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले हाई-टेंशन बिजली की तारों से टकराया, जिससे इसके तीन टुकड़े हो गए और इसमें आग लग गई। विमान में सवार 112 यात्रियों में से 55 की मौत हो गई।
ऐसे मिला था टिकट
चव्हाण ने एक समाचार चैनल से कहाकि मैं और कांग्रेस नेता रामप्रसाद बोर्डीकर, शरद पवार के कार्यक्रम के लिए मुंबई जा रहे थे।
हमें पक्के तौर पर पता नहीं था कि हमें हवाई टिकट मिलेगा या नहीं, लेकिन परभणी के एक परिवार ने अपने टिकट रद्द कर दिए और इसलिए हमें जगह मिल गई।
मैं भाग्यशाली था कि मैं कॉकपिट के करीब बैठा था। चव्हाण ने कहाकि बोर्डीकर और मुझे पीछे की सीट की पेशकश की गई थी, लेकिन हमने कॉकपिट के पास बैठना पसंद किया।
हम बच गए, लेकिन पीछे के हिस्से में बैठे लोग आग में झुलसकर मर गए।