प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 सैकड़ों शिकायतों के बाद लाया गया है, जिनमें मुस्लिम समुदाय के लोगों, विशेष रूप से महिलाओं और विधवाओं की प्रमुख भूमिका रही।
उन्होंने कहा कि पुरानी व्यवस्था में उत्पीड़न का शिकार हुए लोगों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। प्रधानमंत्री ने यह बात दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल के साथ एक बैठक के दौरान कही।
इस दौरान उन्होंने बताया कि 2019 में दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें विभिन्न मुस्लिम समुदायों से वक्फ संपत्तियों को लेकर 1700 से अधिक शिकायतें मिली थीं, जिससे सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना पड़ा।
नया कानून इन शिकायतों का जल्द समाधान करेगा- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, “नया कानून इन शिकायतों का जल्द समाधान करेगा और सबसे गरीबों का आशीर्वाद मिलेगा। मैं पहले से ही उन पीड़ितों के लिए लड़ रहा हूं, विशेष रूप से विधवाओं के लिए जिन्हें पुराने कानूनों ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया।
हमारा लक्ष्य उन्हें न्याय दिलाना है।” प्रधानमंत्री ने दाऊदी बोहरा समुदाय के साथ अपने पुराने संबंधों का उल्लेख करते हुए उनकी समाजसेवा की परंपरा और इस अधिनियम में उनके योगदान की सराहना की।
उन्होंने कहा कि इस कानून पर उनकी शुरुआती चर्चाओं में सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन का महत्वपूर्ण मार्गदर्शन मिला, जिसने इस विधेयक को आकार देने में अहम भूमिका निभाई।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल व्यवसायियों, पेशेवरों, चिकित्सकों, शिक्षकों और अन्य प्रमुख दाऊदी बोहरा सदस्यों ने पीएम मोदी के प्रति आभार जताया।
उन्होंने बताया कि किस तरह से उनकी समुदाय की संपत्तियों पर वक्फ अधिकारियों द्वारा अनुचित रूप से दावा किया गया था। उन्होंने अधिनियम को एक “बहुप्रतीक्षित सुधार” बताते हुए कहा कि इससे वर्षों से चली आ रही समस्याओं का समाधान मिलेगा।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर मुस्लिम समुदाय के कई वर्गों से सकारात्मक प्रतिक्रिया आ रही है, और सरकार का दावा है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और संपत्ति से जुड़े विवादों में न्याय सुनिश्चित होगा। बैठक में उनके साथ अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू भी थे।
1923 से ही वक्फ नियमों से छूट की मांग कर रहे- दाऊदी बोहरा समुदाय
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्यों के साथ अच्छी बैठक हुई। हमने बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की।” बातचीत में समुदाय के एक सदस्य ने मोदी को बताया कि उनका समुदाय 1923 से ही वक्फ नियमों से छूट की मांग कर रहा था।
उन्होंने नए कानून के माध्यम से ‘‘अल्पसंख्यक के भीतर अल्पसंख्यकों’’ का ध्यान रखने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की।
इस दौरान एक अन्य सदस्य ने कहा कि उनके समुदाय ने 2015 में मुंबई स्थित भिंडी बाजार में एक परियोजना के लिए एक महंगी संपत्ति खरीदी थी और बाद में नासिक के एक व्यक्ति ने 2019 में वक्फ संपत्ति के रूप में इस पर दावा कर दिया था।
उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि उनकी सरकार ने इस तरह के चलन पर रोक लगा दी है।