हमास के बाद इजरायल की सेना (आईडीएफ) ने बुधवार को गाजा के वेस्ट बैंक के जेनिन शहर में एक बेहद चौंकाने वाली घटना को अंजाम दिया।
इजरायली सेना ने शहर में स्थित यूरोपीय यूनियन, चीन, भारत, रूस, ब्रिटेन और कई अन्य देशों के राजनयिकों की ओर चेतावनी के तौर पर फायरिंग कर दी। हालांकि किसी को चोट नहीं आई, लेकिन यह मामला कूटनीतिक तनाव का कारण बन गया है।
इजरायली सेना के मुताबिक, ये राजनयिक एक ऐसे इलाके में चले गए जो सक्रिय युद्ध क्षेत्र के रूप में चिह्नित है और उनके रूट को पहले से मंजूरी नहीं दी गई थी।
सेना का कहना है कि उन्हें दूर करने के लिए चेतावनी के तौर पर फायरिंग की गई। उन्हें हुई असुविधा के लिए खेद है।
घटना के बाद इटली के विदेश मंत्री ने इजरायली राजदूत को तलब कर इस मामले पर जवाब मांगा है। यूरोपीय संघ की शीर्ष राजनयिक काजा कलास ने कहा, “हम इजरायल से इस मामले की गहन जांच और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग करते हैं।”
घटना की हुई कड़ी निंदा
फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए आरोप लगाया कि इजरायली सेना ने जानबूझकर जीवित गोलीबारी के जरिए मान्यता प्राप्त कूटनीतिक प्रतिनिधिमंडल को निशाना बनाया। पीए के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल में मोरक्को, ब्राजील, जापान, कनाडा, भारत, पोलैंड, तुर्किए, रोमानिया, मैक्सिको, मिस्र और जॉर्डन के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब गाजा युद्ध को लेकर इजरायल और वैश्विक समुदाय के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। अब इजरायली सेना ने खुद इस घटना की जांच की बात कही है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाराजगी साफ तौर पर देखी जा रही है।