9 मिनट में कैदियों की रिहाई, अवैध अप्रवासियों की जबरन विदाई; ट्रंप के बयान से मिली मिश्रित प्रतिक्रियाएँ, कहीं खुशी, कहीं गम…

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ समारोह की तैयारियां जारी हैं।

अगले महीने 20 जनवरी को वह जो बाइडेन की जगह लेंगे। इससे पहले मशहूर मैग्जीन टाइम ने उन्हें दोबारा ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ चुना है।

इस मौके पर टाइम मैग्जीन को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने साफ किया है कि 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करने के एक घंटे के अंदर वह कैदियों की रिहाई के आदेश पर दस्तखत करेंगे।

पत्रिका से ट्रम्प ने कहा, “मैं अगले चार सालों तक बेहतरीन काम करने के लिए बेहतरीन टीम के साथ तैयार हूं।”

इंटरव्यू में ट्रम्प ने दोहराया कि शपथ ग्रहण के बाद उनका पहला काम 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल हिल पर हमले के सिलसिले में जेल में बंद लोगों को क्षमादान देना होगा।

ABC न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया है, उन्होंने इंटरव्यू में कहा, “मैं जनवरी 6 मामले पर त्वरित नजर डालूंगा और शायद शपथ ग्रहण के पहले 9 मिनट में उन्हें क्षमादान करूंगा।”

जब उनसे पूछा गया कि क्या दंगा के आरोप में दोषी ठहराए गए और जेल की सजा काट रहे सभी लोगों की सजा माफ करेंगे तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह एक-एक मामले को व्यक्तिगत तौर पर देखेंगे और बहुत जल्दी सभी पर फैसला लेंगे।

उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पद संभालने के पहले ही घंटे शुरू हो जाएगी।

अमेरिकी संसद भवन, राष्ट्रपति भवन के करीब और शासन-प्रशासन का केंद्र रहे कैपिटल हिल पर ट्रंप समर्थकों की भीड़ ने 6 जनवरी 2021 को हमला बोल दिया था। संघीय अदालत ने उनमें से करीब 1500 लोगों को मामले में आरोपी बनाया था।

बाद में उनमें से लगभग 300 को छोड़कर सभी को दोषी ठहराया गया। कैपिटल हमले के लगभग चार साल बाद करीब आधे ने अपना अपराध स्वीकार किया है।

न्याय विभाग के अनुसार, दोषी दंगाइयों में से लगभग आधे, यानी 645 को जेल की सज़ा सुनाई गई है, हालाँकि इनमें से कई ने अपनी सजा पूरी कर ली है।

ट्रम्प ने अपने चुनाव अभियान के दौरान बार-बार कहा है कि वह जीतते हैं तो कैपिटल हिल मामले में दोषी ठहराए लोगों को क्षमादान देंगे।

अब उनके ताजा इंटरव्यू से लोगों में खुशी की लहर है। हालांकि, अपने इंटरव्यू में ही ट्रंप ने एक खास वर्ग को झटका भी दिया है, जिसे लेकर उनमें मायूसी है। ट्रंप ने कहा है कि वह अवैध प्रवासियों को जबरन देश से बाहर करेंगे और जरूरत पड़ी तो इसके लिए सेना की भी मदद करेंगे।

ट्रंप ने कहा कि गैर कानूनी तरीके से अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को खोजने और निर्वासित करने के लिए सेना का उपयोग करने के लिए भी तैयार हैं।

जब उनसे पूछा गया कि अगर सेना ने इस तरह का काम करने से इनकार कर दिया तो क्या करेंगे। इस पर ट्रंप ने कहा कि वह वही करेंगे जिसकी कानून इजाजत देगा। लेकिन कानून का इस्तेमाल करने के लिए उच्चतम स्तर तक जाएंगे।

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