इंडोनेशिया में एक फुटबॉल मैच के दौरान हुई भयावह हिंसा में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, इस दर्दनाक घटना में 174 लोग काल के ग्रास में समा चुके हैं। सैकड़ों लोग घायल हैं, जिनमें से कई की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है।
इस हिंसक घटना ने उन पुरानी यादों को ताजा कर दिया जिसमें मैच के बाद खूनी खेल खेला गया। 58 साल पहले पेरू के नेशनल स्टेडियम में मैच के बाद भड़की हिंसा में 320 लोग मारे गए थे।
इंडोनेशिया में एक फुटबॉल मैच के दौरान हुई भयावह हिंसा में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, इस दर्दनाक घटना में 174 लोग काल के ग्रास में समा चुके हैं। सैकड़ों लोग घायल हैं, जिनमें से कई की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है।
इस हिंसक घटना ने उन पुरानी यादों को ताजा कर दिया जिसमें मैच के बाद खूनी खेल खेला गया। 58 साल पहले पेरू के नेशनल स्टेडियम में मैच के बाद भड़की हिंसा में 320 लोग मारे गए थे।
भड़क गए पेरू के फैंस
पेरू ओलंपिक से बाहर हो चुका था। गुस्साए पेरू के फैंस मैदान में आ धमके और तांडव मचाने लगे। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में आंसू गैस के गोले दागे और उपद्रवियों को खदेड़ा।
इससे मैदान में भगदड़ मच गई। स्टेडियम का दरवाजा बंद होने की वजह से लोगों को बाहर जाने के लिए जगह नहीं मिली। इस कारण 320 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।