दुनिया में 30 साल से कम उम्र के सेल्फ-मेड अरबपतियों की संख्या 13 हो गई है।
यह AI बूम, प्रीडिक्शन मार्केट्स और ऑनलाइन गेम्बलिंग की तेज ग्रोथ से आई है। फोर्ब्स के अनुसार, यह अब तक की सबसे अधिक कम उम्र के सेल्फ-मेड अरबपतियों की संख्या है।
दरअसल, एक ओर जहां दुनिया AI से एंट्री-लेवल जॉब्स के खत्म होने की चिंता कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर सबसे कम उम्र के सेल्फ-मेड अरबपति इतिहास रच रहे हैं। नवंबर-दिसंबर 2025 में ही 7 नए अरबपति इस लिस्ट में शामिल हुए हैं।
एआई स्टार्टअप मर्कर के तीन 22 वर्षीय सह संस्थापक उनसे आगे निकल गए। फोर्ब्स के अनुसार, ब्रेंडन फूडी सीईओ, भारतवंशी मिधा चेयरमै और भारतवंशी हीरेमथ चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर हैं।
तीनों दुनिया के सबसे युवा सेल्फ-मेड अरबपति बने। ये तीनों AI मॉडल्स को ट्रेन करने वाले डेटा लेबलिंग में स्पेशलाइज्ड हैं।
सबसे कम उम्र के सेल्फ मेड अरबपतियों में दो भारतवंशी का नाम है। इसकी सफलताएं दिखाती हैं कि AI डेटा लेबलिंग, कोडिंग टूल्स और प्रीडिक्शन मार्केट्स जैसे नए क्षेत्र युवाओं को तेजी से अमीर बना रहे हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो 2026 में यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि AI और क्रिप्टो का बूम जारी है।