गुजरात के गोधरा में एक जज को ले-दे के मामले की जल्दी सुनवाई करने के लिए कहने और रिश्वत की पेशकश करना एक शख्स को भारी पड़ गया।
जज ने उसे रिश्वत की पेशकश के आरोप में गिरफ्तार करवा दिया।
दरअसल, श्रम न्यायालय में चल रही सुनवाई के दौरान एक शख्स ने जज की टेबल पर एक लिफाफा रखकर उसे घूस देने की कोशिश की लेकिन उसका यह दांव उल्टा पड़ गया।
जज ने उसके आचरण से भड़कते हुए आरोपी शख्स को गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी बापूभाई सोलंकी जो महिसागर जिले के वीरपुर तालुका का निवासी है, ने न्यायिक अधिकारी की टेबल पर सीलबंद लिफाफा रखकर लेबर कोर्ट के जज एचए माका को कथित तौर पर 35,000 रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की।
उसकी हरकत देख जज ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को इसकी सूचना दी। इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 (लोक सेवक को रिश्वत देने से संबंधित अपराध) के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसके बाद सोलंकी को गिरफ्तार कर लिया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पनम योजना के तहत भादर नहर वितरण उप-विभाग से बर्खास्त होने के बाद सोलंकी 2023 से कानूनी विवाद में उलझे हुए हैं।
इस मामले में हो रही देरी से निराश होकर सोलंकी ने जज माका को एक लिफाफा सौंपकर अपने खिलाफ चल रहे केस को तेजी से निपटाने के लिए अवैध तरीके से गुहार लगाई थी।
जब सोलंकी ने जज की टेबल पर लिफाफा रखा तो भड़के जज ने उसे लेने से इनकार कर दिया फिर वहीं सोलंकी को लिफाफा खोलने का निर्देश दिया। जब सोलंकी ने लिफाफा खोला तो उसमें से 35,000 रुपये कैश निकले।
सोलंकी ने यह पेशकश इसलिए की थी कि उसके मामले की अगली सुनवाई जल्द से जल्द 12 दिसंबर को तय कर दी जाए।
एसीबी के एक अधिकारी ने कहा है कि जांच के तहत रिश्वत की रकम जब्त करने और श्रम न्यायालय से सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने के लिए दो सरकारी पंच गवाहों को नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है।