सीरिया में बीते साल दिसंबर में विद्रोही गुटों ने देश पर कब्जा कर असद परिवार की 50 से ज्यादा सालों से चली आ रही तानाशाही का अंत कर दिया था।
बशर अल असद के शासन को उखाड़ फेंकने में जिस विद्रोही गुट ने सबसे अहम किरदार निभाया था वह था हयात तहरीर अल-शाम (HTS)। अब सीरिया में HTS के प्रमुख रहे अहमद अल शरा ने अंतरिम राष्ट्रपति का पद संभाल लिया है।
अहमद अल-शरा को पहले अबू मोहम्मद अल-जोलानी के नाम से जाना जाता था।
कभी अल-कायदा से जुड़े जिहादी, अल-शरा ने बीते कुछ दिनों में अपनी छवि बदलकर खुद को सीरिया के लिए एक सही नेता के रूप में पेश किया है।
हाल के कुछ सालों में उसने सैन्य वर्दी पहनकर धार्मिक अल्पसंख्यकों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने का वादा किया है।
कुछ लोग अल शरा को एक राजनेता के रूप में देखते हैं। हालांकि कुछ लोगों ने उसे एक अवसरवादी नेता बताया है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति के लिए यह सब कुछ कर रहा है।
कौन हैं अहमद अल शरा?
अहमद अल शरा का जन्म 1982 में दमिश्क के माजेह जिले में एक अमीर परिवार में हुआ था। कथित तौर पर अमेरिका में 9/11 की घटना के बाद अल-शरा का झुकाव कट्टरपंथ की तरफ होने लगा।
जल्द ही वह इराक में अल-कायदा में शामिल हो गया। यहां उसने अबू मुसाब अल-जरकावी के नेतृत्व में कई लड़ाइयां भी लड़ी।
अमेरिका में अल-शरा को आतंकवादी घोषित कर दिया गया था। उसके सिर पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम भी रखा गया था।
समावेशी सरकार का वादा
2011 में सीरिया में गृहयुद्ध शुरू होने के बाद उसने अल-कायदा की सीरियाई शाखा, अल-नुसरा फ्रंट की स्थापना की।
यह बाद में हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नाम से जाना जाने लगा। उसने 2016 में खुद को अल-कायदा से अलग कर लिया और HTS को जिहादी विद्रोह के बजाय एक राष्ट्रवादी ताकत के रूप में पेश करना शुरू कर दिया।
अब अल-शरा ने सीरिया में एक समावेशी सरकार और न्याय का वादा किया है।